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Ethanol production: महाराष्ट्र में चीनी मिले एथेनॉल उत्पादन से बनी ईंधन मिलें

देश में पहले चीनी मिलों में केवल चीनी का उत्पादन होता था, अब चीनी मिलों बिजली, एथेनॉल, बायोगैस सहित लगभग 35 उप-उत्पादों का उत्पादन करती है।

Published by
सुशील मिश्र   
Last Updated- June 12, 2023 | 8:52 PM IST

मौसम की मार के कारण इस साल चीनी उत्पादन (Sugar Production) में भले की कमी आई है लेकिन देश में एथनॉल का रिकॉर्ड (ethanol production) उत्पादन हुआ है।

चीनी उत्पादक प्रमुख राज्य महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की मिलों में एथेनॉल नीति को बढ़ावा देने की वजह से देश की चीनी मिलें अब ईंधन मिलें बन गई हैं। इस साल देश में रिकॉर्ड 470 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। एथेनॉल उत्पादन में भारत अब चीन को पीछे छोड़ दिया है।

देश में पहले चीनी मिलों में केवल चीनी का उत्पादन होता था, अब चीनी मिलों बिजली, एथेनॉल, बायोगैस सहित लगभग 35 उप-उत्पादों का उत्पादन करती है। यानी देश की चीनी मिलें अब ईंधन मिलें बन गई हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष भारत का एथेनॉल उत्पादन बढ़कर 470 करोड़ लीटर पहुंच गया, जबकि इस दौरन चीन के 420 करोड़ लीटर उत्पादन हुआ। 2021 में चीन में 410 करोड़ लीटर और भारत में 320 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ था।

भारत में महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक राज्य हैं। भारत में 2026 तक 540 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत अब एथेनॉल का उत्पादन करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल है।

महाराष्ट्र में सहकारी और निजी चीनी मिलों ने अब चीनी उत्पादन कम कर दिया है और इसके बजाय बड़ी मात्रा में एथेनॉल उत्पादन की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। इसके चलते इस साल गन्ना कटाई के मौसम में राज्य में चीनी का उत्पादन कम हुआ है और एथेनॉल का उत्पादन काफी बढ़ा है।

महाराष्ट्र चीनी आयुक्तालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में एथेनॉल परियोजनाओं द्वारा इस साल कुल 244 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया है। जो पिछले साल की तुलना में 18 करोड़ लीटर अधिक है। पिछले साल राज्य में 226 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया था।

राज्य में कुल एथेनॉल 163 उत्पादन परियोजनाएं

चालू वर्ष में राज्य की चीनी मिलों ने मिलकर कुल 1.6 लाख टन चीनी को एथेनॉल उत्पादन में डायवर्ट किया है। इसी वजह से इस साल एथेनॉल का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर हुआ है। पिछले तीन वर्षों में एथेनॉल की कुल मांग 360.32 करोड़ लीटर थी, जबकि 247.11 करोड़ लीटर की आपूर्ति की गई है। राज्य में कुल एथेनॉल 163 उत्पादन परियोजना हैं।

महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन करने वाली परियोजनाएं है। उत्तर प्रदेश गन्ना और आबकारी के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के मुताबिक वर्तमान में यूपी में 85 डिस्टिलरी शुरू है, और अगले कुछ महीनों में अन्य 15 डिस्टिलरीज शुरू होने वाली हैं। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 100 एथेनॉल उत्पादक परियोजनाएं शुरु हो जाएंगी।

राज्य सरकार ने अगले तीन वर्षों के भीतर राज्य में डिस्टिलरी की संख्या बढ़ाकर 140 करने का भी लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश में 2022-23 में एथेनॉल का उत्पादन 134 करोड़ लीटर तक पहुंच गया, 2023-24 में इसके 160 करोड़ लीटर तक जाने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार ने समय सीमा से काफी पहले पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिलाने के निर्धारित लक्ष्य को छूने के बाद कहा कि, 2025-26 तक 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण हासिल करने का अगला लक्ष्य रखा है। देश में 2013 में पेट्रोल में एथेनॉल-मिश्रण प्रतिशत सिर्फ 0.67 फीसदी था।

First Published : June 12, 2023 | 8:52 PM IST