facebookmetapixel
New Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत

कच्चे तेल की कीमत कम, नजरें अमेरिका पर

Last Updated- December 06, 2022 | 1:01 AM IST

कच्चे तेल की कीमतें अब थोड़ी राहत देती लग रही हैं।न्यूयॉर्क के प्रमुख तेल कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड में जून में डिलिवरी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 5 सेंट की कमी आकर 115.58 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।


विश्लेषकों की नजरें अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक पर लगी हुई हैं। इससे पहले न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमतों में 3.12 डॉलर की कमी आई थी। दूसरी ओर लंदन के ब्रेंट नॉर्थ सी में जून डिलिवरी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 8 सेंट की बढोतरी आई।


यहां तेल की कीमतें 113.43 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 113.51 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं। गौरतलब है कि पिछले दिनों तेल की कीमतें रेकॉर्ड 120 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थीं। दरअसल स्कॉटलैंड की ग्रैंगमाउथ रिफाइनरी में 1200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गये थे जिसकी वजह से जान मानी तेल कंपनी बीपी को अपनी रिफाइनरी को बंद करना पड़ा था।


इसके अलावा नाइजीरिया की तेल कंपनी एक्सोन मोबिल से भी उत्पादन में कमी ने तेल की किल्लत पैदा कर दी थी। इन वजहों ने तेल की कीमतों को अपने उच्चतम स्तर पर पहंचा दिया था।  विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिन तक चलने वाली बैठक के बाद ब्याज दरों में और कटौती की संभावना है। इस बैठक से आने वाला परिणाम भी तेल की कीमतों पर असर डालेगा।

First Published - April 30, 2008 | 11:43 PM IST

संबंधित पोस्ट