क्रोम एक्सपोर्ट नहीं हुआ कम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:09 PM IST

क्रोम अयस्क के निर्यात को सीमित करने के सरकारी प्रयास के बावजूद बाहर के  देशों के लिए इसकी लदाई में दस फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।


सरकार ने क्रोम अयस्क का निर्यात कम करने के लिए गत बजट में इसके निर्यात कर को बढ़ाने की घोषणा की थी। नए प्रावधान के मुताबिक निर्यात कर में प्रतिटन 1000 रुपये की बढ़ोतरी की गई । क्रोम अयस्क का कुल उत्पादन 30 लाख टन होता है। इनमें से 10 लाख टन क्रोम का निर्यात अयस्क के रूप में किया जाता है। गत वित्तीय वर्ष (2006-07) में कुल 793 करोड़ रुपये के क्रोम अयस्क का निर्यात किया गया था। चालू वित्तीय वर्ष में कुल 840 करोड़ रुपये का निर्यात होने का अनुमान है।


चालू वित्तीय वर्ष की चालू तिमाही के दौरान क्रोम अयस्क के मूल्य में प्रतिटन 100 डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसकी कीमत प्रतिटन 410 डॉलर से बढ़कर 510 डॉलर प्रतिटन हो गई। बताया जा रहा है कि मॉल, मल्टीप्लेक्स व स्टेडियम के निर्माण में तेजी के कारण क्रोम अयस्क की मांग में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


द इंडियन फेरो अलॉय प्रोडयूसर असोसिएशन के चेयरमैन आर. के. सर्राफ ने बताया कि सरकार को सौंपे गए बजट पूर्व ज्ञापन में हमने क्रोम अयस्क के निर्यात पर लगने वाले कर में 2000 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रति टन बढ़ोतरी की मांग की थी। लेकिन इस निर्यात पर मांग के मुकाबले कर में काफी कम बढ़ोतरी से इसकी कीमत पर तेजी आई है। विश्व स्तर पर इसकी मांग में मजबूती के कारण पिछली तिमाही के दौरान इसकी कीमत में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


सर्राफ ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में क्रोम अयस्क का उत्पादन भारी मात्रा में किया जाता है फिर भी यहां की जरूरतों की पूर्ति के लिए क्रोम अयस्क का आयात करना पड़ता है।आईएफएपीए का अनुमान है कि चालू वित्तीय वर्ष में 100,000 टन क्रोम अयस्क आयात किया जाएगा। जबिक गत वित्तीय वर्ष में कुल 67,817 टन का आयात किया गया था।


उद्योग के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2011-12 तक क्रोम की मांग बढ़कर 27 लाख टन हो जाएगी। लिहाजा इसके इस्तेमाल में उद्योग जगत को काफी सावधानी बरतनी होगी। अगर यह निर्यात इसी प्रकार जारी रहा तो फेरो क्रोम के उत्पादन की वर्तमान दर को देखते हुए इस बात की आशंका है कि फेरो क्रोम का सुरक्षित भंडार आगामी दस सालों में खत्म हो जाएगा।


उद्योग जगत का मानना है कि क्रोम के निर्यात पर रोक लगा दी जाती है तो वर्तमान में मौजूद क्रोम का सुरक्षित भंडार अगले तीस सालों तक घरेलू मांग की पूर्ति कर सकता है। इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन के मुताबिक 1 अप्रैल, 2005 को कुल क्रोम अयस्क 21.3 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया था।

First Published : March 27, 2008 | 1:30 AM IST