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‘महंगाई रोकने के लिए लगाया है सीमेंट निर्यात पर प्रतिबंध’

Last Updated- December 05, 2022 | 9:40 PM IST

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन ( डीआईपीपी ) के सचिव अजय शंकर का कहना है कि सरकार ने बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए सीमेंट के  निर्यात पर रोक लगाई गई है।


सरकार की पहली प्राथमिकता घरेलू मांग को पूरा करना है। शंकर का कहना है कि सरकार सीमेंट की कीमतों में स्थिरता चाहती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमलनाथ का  भी कहना है कि सीमेंट की मांग को पूरा करने के लिए और मांग और आपूर्ति के अनुपात को बराबर करने के लिए सीमेंट के निर्यात पर रोक लगाई गई है।


गौरतलब है कि इस समय देश में निर्माण उद्योग पूरी तेजी पर है, इस वजह से सीमेंट की मांग बढना लाजिमी है। इसके साथ ही महंगाई दर के 7.41 फीसदी पहुंचने से सरकार की नाक में दम होना स्वाभाविक है। ऐसे में इस स्थिति से निपटने और मांग और आपूर्ति में तालमेल बिठाने के लिए सरकार ने पिछले हफ्ते ही सीमेंट के निर्यात पर पाबंदी लगाई है।


शंकर का कहना है कि इस साल सीमेंट उद्योग के और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। पिछले कुछ समय से लगातार अंतरालों पर सीमेंट की कीमतों में बढोतरी होने से निर्माण उद्योग और बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की लागत में इजाफा हुआ है।


सीमेंट कंपनियों ने सरकार के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कंपनियों ने इसको ‘पीछे की ओर ले जाने वाला कदम बताया है’ जिससे इन कंपनियों के निर्यात ऑर्डर प्रभावित होंगे। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान 33.3 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया। देश में सीमेंट 17 करोड़ टन सालाना उत्पादन होता है।


सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (सीएमए) का अनुमान है कि अगले तीन से पांच वर्षों में लगभग 50,000 करोड़ रुपये के निवेश से सीमेंट कंपनियां अपनी वर्तमान क्षमता में 11 करोड़ टन सालाना का इजाफा कर सकती हैं।  

First Published - April 15, 2008 | 8:17 PM IST

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