facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

और तेज हुई कच्चे तेल की धार

Last Updated- December 05, 2022 | 11:02 PM IST

एशियाई बाजारों में तेल की कीमतों में उछाल जारी है, और यह रेकॉर्ड 118 डॉलर के स्तर पर पहुंच गईं।


अगले कुछ समय तक इससे राहत मिलने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है क्योंकि तेल उत्पादकों ने कहा है कि कुछ समय तक तेल की कीमतें ऊपर से नीचे नहीं आने वाली हैं।


विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले हफ्ते नाइजीरिया में तेल की दो बड़ी पाइपलाइनों पर हमले और स्कॉटलैंड में रिफाइनरी में हड़ताल के  चलते तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर चढ़ गई हैं।न्यू यॉर्क में मंगलवार को तेल की कीमतें रिकॉर्ड 118.05 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं।


एक विश्लेषक ने कहा कि स्कॉटलैंड में हड़ताल और नाइजीरिया में हमले से बाजार बहुत संवेदनशील हो गया है। न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में मई में तेल के वायदा कारोबार में 0.5 फीसदी का उछाल आया और कीमतों 57 सेंट बढ़कर 118.05 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं। आज मई का वायदा कारोबार समाप्त हो गया है।


लंदन में जून के वायदा कारोबार में 37 सेंट का उछाल आया और यह 117.02 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं। लंदन के आईसीई फ्यूचर यूरोप एक्सचेंज में जून के वायदा कारोबार में 60 सेंट की बढोतरी हुई और यह 115.03 डॉलर प्रति बैरल हो गई। जबकि शुरू में 114.79 डॉलर प्रति बैरल का भाव था। एक विश्लेषक का कहना है कि इस समय बाजार मुश्किल हालात में है और निवेशक पैसा लगाने के लिए जगह तलाशने में लगे हैं।


सिंगापुर के एक विशेषज्ञ बताते हैं कि नाइजीरिया में पाइपलाइन पर हमले की वजह से आपूर्ति में गिरावट के चलते तेल की कीमतें बहुत प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में यह रुझान अगले एक महीने में तेल की कीमतों में तेजी का रुख तय करेगा। कल ही तेल उद्योग से जुड़ी जानी मानी कंपनी शैल ने अफ्रीका के मुख्य तेल उत्पादक देश में पाइपलाइन पर हमले के बाद अपने 169,000 बैरल उत्पादन को रोक दिया गया है।


गौरतलब है कि पिछले साल नाइजीरिया, अमेरिका को तेल निर्यात करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश रहा है। हाई वैल्यू गैसोलीन के सही अनुपात की वजह से यहां से लो सल्फर क्रूड का उत्पादन किया गया। एक सर्वे के अनुसार नाइजीरिया में मार्च में रोजाना 19.6 लाख बैरल तेल की आपूर्ति की गई। यह 2005 के आखिर में हो रहे 24 लाख बैरल रोजाना के उत्पादन से काफी कम है। इसके बाद तेल उत्पादन अलगाववादियों की भेंट चढ़ गया।


दूसरी ओर कर्मचारियों की मांग न मानने से हड़ताल की वजह से स्कॉटलैंड की इनेयस ग्रुप होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की रिफाइनरी बंद हो गई है। इस ग्रैंगमाउथ रिफाइनरी के बंद होने से रोजाना 200,000 बैरल तेल का उत्पादन कम हो जाएगा।


इस प्लांट में बीपी पीएलसी की फोर्टिस पाइपलाइन सिस्टम से कच्चा तेल लिया जाता है, जहां नॉर्थ सी क्षेत्र के 50 फीसदी से अधिक तेल का शोधन होता है। वहीं गर्मियां होने की वजह से अमेरिका में तेल की मांग के पूरे शबाब पर रहने की उम्मीद है क्योंकि गर्मियों की छुट्टी होने की वजह से अमेरिकी सैर सपाटे पर निकलते हैं।

First Published - April 23, 2008 | 12:04 AM IST

संबंधित पोस्ट