वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर मूल्य पर कृषि और संबंधित गतिविधियों में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो दीर्घावधि वृद्धि अनुमान है। आज जारी राष्ट्रीय आमदनी के वित्त वर्ष 2022-23 के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 22 में स्थिर मूल्य पर जीवीए में वृद्धि 3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
मौजूदा भाव पर वित्त वर्ष 23 में जीवीए वृद्धि 12.50 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो हाल के समय का सबसे बेहतर आंकड़ों में से एक है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान जहां यह 10.30 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जिसमें महंगाई का असर 9 प्रतिशत था, यह भी हाल के वर्षों में शीर्ष स्तर में से था।
वित्त वर्ष 2023 में मौजूदा भाव पर कृषि और संबंधित गतिविधियों में तेज बढ़ोतरी मुख्य रूप से करीब सभी कृषि जिंसों की कीमत में तेजी की वजह से हुई है, जिसमें गेहूं और चावल जैसे मोटे अनाज प्रमुख है।
वित्त वर्ष 23 में स्थिर मूल्य पर 3.5 प्रतिशत बढ़ोतरी भी सरकार को भरोसा दे रहा है कि इस वित्त वर्ष में कृषि उत्पादन पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने वाला है। पिछले साल गेहूं के उत्पादन में कमी की वजह से वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई थी।
बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘वित्त वर्ष 23 के लिए कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के जीवीए अनुमान से कोई बड़ा आश्चर्य नहीं हुआ है और यह स्थिर मूल्य पर 3 से 4 प्रतिशत के बीच रहने के अनुमान के अनुरूप ही है। मौजूदा भाव पर ज्यादा वृद्धि मुख्य रूप से मोटे अनाज महंगे होने की वजह से है।’
वित्त वर्ष 2022-23 (जुलाई जून) सत्र में खरीफ के उत्पादन के पहले अनुमान के मुताबिक खरीफ सत्र में चावल का उत्पादन करीब 6.05 प्रतिशत कम होकर 1049.9 लाख रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2021-22 के खरीफ सत्र में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 1117.6 लाख टन था।
पूर्वी भारत के इलाकों यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सूखे जैसी स्थिति के कारण इस साल उत्पादन में कमी आने की संभावना है। पहले अनुमान के मुताबिक खरीफ की अन्य फसल दलहन का उत्पादन 83.7 लाख टन होने की संभावना है, जो पिछले साल के बराबर ही है।
तिलहन उत्पादन 235.7 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले खरीफ सत्र में हुए 238.8 लाख टन उत्पादन की तुलना में 1.29 प्रतिशत कम है। गन्ने का उत्पादन 4,650.4 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल के 4,318.1 लाख टन की तुलना में 7.69 प्रतिशत ज्यादा है।
चल रहे रबी सत्र में शुक्रवार तक फसलों की बुआई 665.8 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
First Published : January 6, 2023 | 10:52 PM IST