बजट

संशोधित बजट के पार जाएगा पूंजीगत व्यय

वित्त वर्ष 2025 के 11.11 लाख करोड़ रुपये से इसे बढ़ाकर वित्त वर्ष 2026 में 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- April 06, 2025 | 10:53 PM IST

वित्त वर्ष 2025 में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 10.18 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के पार जा सकता है। सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि अग्रिम अनुमान के आंकड़ों को देखते हुए सरकार को इसका पूरा भरोसा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘अब तक हमें जो आंकड़े मिले हैं, वे पूरे साल के नहीं हैं, लेकिन उनसे संकेत मिलता है कि हम पूंजीगत व्यय के संशोधित लक्ष्य को पार कर जाएंगे।’

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल फरवरी के आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पूरा करने में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक से पीछे है। संशोधित अनुमान का लक्ष्य पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय में 44 प्रतिशत वृद्धि करने की जरूरत है। फरवरी 2025 में केंद्र का पूंजीगत व्यय सालाना आधार पर 35 प्रतिशत कम रहा है। सीजीए के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल से फरवरी के दौरान संशोधित अनुमान के लक्ष्य का 79.7 प्रतिशत खर्च किया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान 85 प्रतिशत खर्च हो सका था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चुनाव और आदर्श आचार संहिता के कारण पूंजीगत व्यय प्रभावित हुआ था।

सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान में पूंजीगत व्यय में करीब 93,000 करोड़ रुपये की कमी कर दी थी। वित्त वर्ष 2026 के लिए पूंजीगत व्यय के आवंटन में भी एक प्रतिशत से कम की वृद्धि की गई है। पूंजीगत व्यय पर सरकार का बचाव करते हुए हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा,‘कुल मिलाकर पूंजीगत व्यय नहीं घटाया गया है। वित्त वर्ष 2025 के 11.11 लाख करोड़ रुपये से इसे बढ़ाकर वित्त वर्ष 2026 में 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। राज्यों की पूंजीगत सहायता भी इसी अनुपात में बढ़ी है।’

विशेषज्ञों का कहना है कि राजकोषीय घाटा कम करने पर ध्यान केंद्रित करने के बावजूद सरकार पूंजीगत व्यय पर जोर देना जारी रखेगी, जिसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होता है। ईवाई इंडिया में मुख्य नीतिगत सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘अगर सरकार का निवेश पर व्यय संशोधित अनुमान से कम रहता है , जो 11.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से उल्लेखनीय रूप से कम है, तो चौथी तिमाही में 7.6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि (वित्त वर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत) का लक्ष्य हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।’

First Published : April 6, 2025 | 10:53 PM IST