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Budget 2025: होटल इंडस्ट्री को सस्ता कर्ज और जीएसटी में राहत की उम्मीद

होटल इंडस्ट्री ने बजट से सस्ते कर्ज, डिजिटल मंजूरी व्यवस्था, और अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने के उपायों की मांग की।

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रोशिनी शेखर   
Last Updated- January 30, 2025 | 3:23 PM IST

भारत का आतिथ्य उद्योग ऋण की कम लागत के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कमी किए जाने की मांग कर रहा है, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से प्रतिस्पर्धा बनी रह सके। साथ ही यह उद्योग 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से होटल लाइसेंस और मंजूरियों के लिए डिजिटल एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था और कुशल कार्यबल में बढ़ोतरी के कदम उठाने की भी उम्मीद कर रहा है।

उद्योग के हिस्सेदारों का मानना है कि भारत के ट्रैवल और टूरिज्म के क्षेत्र में पूरी क्षमताओं का दोहन किया जाना अभी बाकी है। यह मसला ध्यान का मुख्य केंद्र बन गया है क्योंकि भारत में वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में होटल के कमरों की कमी है।

होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (वेस्टर्न इंडिया) के प्रवक्ता और फेडरेशन ऑफ होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट प्रदीप शेट्टी ने कहा, ‘हॉस्पिटलिटी उद्योग सरकार से होटल और 10 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा परियोजना लागत वाले कन्वेंशन सेंटर को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की उम्मीद कर रहा है।’शेट्टी ने कहा कि उद्योग का दर्जा और इससे जुड़ा लाभ हॉस्पिटलिटी क्षेत्र को दिए जाने से इस क्षेत्र की वृद्धि तेज होगी। इस तरह की पहल से भारत को 2047 तक 1 लाख करोड़ डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने के लक्ष्य में मदद मिलेगी। इससे रोजगार का सृजन होगा और विदेशी मुद्रा की कमाई होगी।

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के प्रेसिडेंट और रेडिसन होटल ग्रुप के साउथ एशिया के चेयरमैन केबी काचरू के मुताबिक मांग और आपूर्ति की चुनौतियों को देखते हुए कम से कम होटल के कमरों में वृद्धि करना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें 2047 के लक्ष्यों को हासिल करना है तो निश्चित रूप से हमें अंतरराष्ट्रीय निवेशों की जरूरत होगी।’ शेट्टी और काचरू दोनों ने कहा कि इससे लंबे समय के लिए सस्ती दर पर कर्ज मिल सकेगा और छोटे व मझोले आकार के उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग की एक और उम्मीद होटल व रेस्टोरेंट के लिए जीएसटी दरों को तार्किक बनाए जाने को लेकर है।

First Published : January 28, 2025 | 10:53 PM IST