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छोटी यात्राएं, बड़े वाहन और युवा यात्री दे रहे सेल्फ-ड्राइव कार रेंटल बाजार को रफ्तार

जेनरेशन जेड या जेन्जी कहलाने वाले 26-27 साल तक की उम्र के यात्रियों ने वित्त वर्ष 2025 में 31 फीसदी बुकिंग की, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 22 फीसदी था।

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अंजलि सिंह   
Last Updated- August 13, 2025 | 10:54 PM IST

छोटी यात्राएं, बड़े वाहन और युवा यात्री भारत के सेल्फ-ड्राइव कार रेंटल बाजार को तेजी से रफ्तार दे रहे हैं। जूमकार की ट्रैवल ट्रेंड्स रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 के बुकिंग आंकड़ों के आधार पर यात्रा पैटर्न में काफी बदलाव दिख रहा है।

आंकड़ों के अनुसार 71 फीसदी यात्राएं दो दिन से कम समय की रहीं, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 66 फीसदी था। इसी प्रकार एक सप्ताह से ज्यादा लंबी यात्राओं में 28 फीसदी की वृद्धि हुई। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि दूर से काम करने की सुविधा होने के कारण लोग लंबे समय तक अपने घर पर रुक जाते हैं।

किराये पर कार इस्तेमाल करने वालों की उम्र भी बदल रही है। जेनरेशन जेड या जेन्जी कहलाने वाले 26-27 साल तक की उम्र के यात्रियों ने वित्त वर्ष 2025 में 31 फीसदी बुकिंग की, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 22 फीसदी था।  इसे मुख्य तौर पर अकेले यात्रा करने, कम गहमागहमी वाले दिनों में यात्रा और कम चर्चित जगहों की यात्रा से रफ्तार मिल रही है। गाड़ियों के मामले में पसंद भी तेजी से बदल रही है। कुल बुकिंग में एसयूवी की हिस्सेदारी 30 फीसदी से बढ़कर 36 फीसदी हो गई, जबकि हैचबैक की हिस्सेदारी 57 फीसदी से घटकर 51 फीसदी रह गई। इसी प्रकार 6 एवं 7 सीटों वाले मॉडलों की मांग भी 16 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो गई। इससे पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी बड़ी गाड़ियों से सफर करना ज्यादा पसंद करती है।

कार रेंटल में यह इजाफा महानगरों तक ही सीमित नहीं है। बुकिंग के मामले में मझोले शहरों में 30 फीसदी और छोटे शहरों में 14 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया। जयपुर, इंदौर, सिलिगुड़ी और मदुरै जैसे शहरों के लिए बुकिंग में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। होली, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती जैसे मौकों पर सप्ताहांत के दौरान बुकिंग में 125 फीसदी इजाफा हो गया। इससे पता चलता है कि छोटी मियाद की यात्राओं की चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। इस प्लेटफॉर्म के आंकड़े बताते हैं कि होम डिलिवरी रेंटल को तेजी से अपनाया जा रहा है। इसमें ग्राहक किराये पर गाड़ी बुक कराता है और गाड़ी उसके पते पर पहुंचा दी जाती है। इस श्रेणी में 2025 के पहले 5 महीनों में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 33 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। प्लेटफॉर्म पर होस्ट यानी अपनी गाड़ी किराये पर देने वालों की भागीदारी भी बढ़ी है। मई 2025 तक सक्रिय होस्ट ने कुल मिलाकर 640 करोड़ रुपये कमाए थे। इनमें सबसे उम्दा कमाई करने वालों ने प्रति कार सालाना 7 लाख रुपये तक कमा डाले। लगभग आधे सक्रिय होस्ट्स की रेटिंग 4.5 स्टार या इससे अधिक थी। साथ ही 2025 में 80 फीसदी यात्राओं को 4 स्टार या इससे ज्यादा रेटिंग मिली जबकि 2023 में यह आंकड़ा 76 फीसदी था।

First Published : August 13, 2025 | 10:41 PM IST