लेखक : सुरजीत दास गुप्ता

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते से भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात को मिलेगा बड़ा मौका

भारत के अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग बड़े अवसर के रूप में देखता है। भारत की नजर अमेरिका में मोबाइल उपकरण, एयर कंडीशनर, कलर टीवी, वियरेबल और ऑडियो उपकरणों आदि के निर्यात पर है। अभी अमेरिका को होने वाले इन इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात में चीन, वियतनाम और मेक्सिको […]

कंपनियां

भारत में उत्पादन का 70% तक निर्यात कर रही नोकिया

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ उठाते हुए Nokia India में अपने कारखाने से उत्पादन का 30 से 70 प्रतिशत के बीच निर्यात कर रही है। इससे दूरसंचार उपकरण क्षेत्र की फिनलैंड की इस कंपनी के लिए भारत महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया है। हाल में नोकिया इंडिया के कंट्री हेड के रूप में […]

आज का अखबार, टेक-ऑटो, ताजा खबरें

भारत में आएगा 1.2 करोड़ डॉलर का एआई फाउंडेशनल मॉडल

सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) की रियल टाइम मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म टर्बोएमएल के संस्थापकों ने भारतीय भाषाओं पर आधारित AI Foundational models बनाने के लिए विश्व के सभी भारतीय मूल के Artificial Intelligence (एआई) शोधकर्ताओं को ए​क साथ लाने के लिए रणनीतिक पहल की है। कंपनी के संस्थापकों में से एक सिद्धार्थ भाटिया ने कहा है कि […]

आईटी, आज का अखबार, एफएमसीजी, कंपनियां, टेक-ऑटो, ताजा खबरें, स्टार्ट-अप

दक्षिण अफ्रीका की कंपनी, एम्स्टर्डम में HQ, India में करने वाली है AI का धमाका

दक्षिण अफ्रीका के स्वामित्व और एम्स्टर्डम मुख्यालय वाली निवेश कंपनी प्रोसस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर आधारित ऐसा तंत्र बनाने पर विचार कर रही है, जो सभी कारोबारों जोड़ सके और उनकी दक्षता और मूल्य वृद्धि बढ़ा सके। नैस्पर्स/प्रोसस के समूह के सामान्य परामर्शदाता और प्रबंधन नेतृत्व टीम के सदस्य डेविड ट्यूडर ने कहा, ‘हम एआई पर […]

आज का अखबार, उद्योग

FY24 में CSR पर टॉप बिजनेस हाउस का दबदबा – टाटा, अंबानी, अदाणी, बिड़ला ने दिया 20% फंड!

वित्त वर्ष 2024 में परिवार के स्वामित्व वाली अथवा परिवार द्वारा संचालित कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) मद में किए गए कुल खर्च में देश के शीर्ष चार परिवारों- टाटा, अंबानी, अदाणी और बिड़ला- का योगदान करीब 20 फीसदी रहा। दासरा के साथ बेन ऐंड कंपनी द्वारा तैयार ‘इंडिया फिलेंथ्रपी रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, […]

अंतरराष्ट्रीय, आज का अखबार, ताजा खबरें, भारत

भारत की चीन से आयात पर निर्भरता बढ़ी, निर्यात गिरा; व्यापार संतुलन पर मंडरा रहा खतरा?

भारत की अपस्ट्रीमिंग आयात के लिए चीन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। अपस्ट्रीमिंग आयात के तहत भारत इन वस्तुओं को चीन से मंगाने के बाद विदेश के बाजार जैसे अमेरिका और यूरोप को वस्तुओं का निर्यात करता है। यह जानकारी मैकेंजी ऐंड कंपनी ने वैश्विक व्यापार के बदलते रुझान के शोध में दी है। […]

आज का अखबार, भारत

ईवी निवेश की नीति में चार्जिंग ढांचा भी होगा शामिल‌!

सरकार चार्जिंग के बुनियादी ढांचा नेटवर्क के निर्माण में निवेश को भी शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है ताकि वैश्विक कंपनियां पिछले साल घोषित नीति के तहत निवेश की अपनी पात्रता के मानदंडों को आसानी से पूरा कर सकें। इस नीति के तहत उन्हें एक विनिर्माण संयंत्र बनाने के लिए तीन साल […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, भारत

अमेरिकी टैरिफ से कैसे प्रभावित होगा भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात? जानिए डिटेल्स

अमेरिकी राष्ट्रपति के सभी देशों पर समान टैरिफ लगाने के ऐलान से केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 500 अरब डॉलर मूल्य तक बढ़ाने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। खास यह कि 2030 तक 200 अरब डॉलर अकेले इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात से आने की संभावना है। वित्त वर्ष 2024 […]

कंपनियां, भारत, समाचार

EV पॉलिसी में बड़ा बदलाव संभव! चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को भी मिलेगी छूट, Tesla समेत ग्लोबल ऑटो कंपनियों को होगा फायदा?

सरकार पिछले साल घोषित EV पॉलिसी के तहत ग्लोबल कंपनियों को आसानी से निवेश पात्रता मानदंडों ( investment eligibility criteria) को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क (charging infrastructure) बनाने में किए गए निवेश को भी शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वर्तमान पॉलिसी के तहत, विदेशी कंपनियों […]

आज का अखबार, कंपनियां, स्टार्ट-अप

Unicorn startups: भारतीय स्टार्टअप्स के लिए यूनिकॉर्न बनने की अवधि फिर बढ़ी, अब औसत 9.5 साल

देश में फलते-फूलते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में अनेक कंपनियों ने 1 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का जादुई आंकड़ा पार कर यूनिकॉर्न बनने का तमगा हासिल किया है। लेकिन यह सब रातों-रात नहीं मिल गया। शुरुआत में इस उपलब्धि को पाने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। वर्ष 2019 तक जो कंपनियां यूनिकॉर्न बनीं, उन्हें […]