लेखक : शिवा राजौरा

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

सितंबर में सेवा क्षेत्र में 10 माह की सबसे सुस्त वृद्धि

सितंबर महीने में भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 10 महीने के निचले स्तर पर रही है। शुक्रवार को जारी एक निजी कारोबारी सर्वे से पता चलता है कि नए कारोबार, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन में सुस्ती रही और यह 2023 के आखिर की तुलना में सबसे कम दर से बढ़ा है। एचएसबीसी द्वारा […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Manufacturing sector: विनिर्माण पीएमआई 8 माह के निचले स्तर पर

भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि सितंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। मंगलवार को जारी एक कारोबारी सर्वेक्षण के अनुसार कारखाना उत्पादन और बिक्री कुछ गिरने से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि सुस्त हुई। एचएसबीसी का भारत विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सितंबर में गिरकर 56.5 पर आ गया था जबकि यह अगस्त […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

NVA में वेतन का हिस्सा महामारी के पहले से अभी कम

सालाना औद्योगिक सर्वे (एएसआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र का कुल शुद्ध मूल्यवर्धन (एनवीए) के अनुपात में मुनाफे की हिस्सेदारी महामारी के पहले की अवधि 2019-20 की तुलना में ज्यादा रही है। वहीं इस अवधि के दौरान श्रमिकों को दिए जाने वाले वेतन और भत्तों का हिस्सा महामारी […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

घरेलू उद्यमों, स्वरोजगार में बढ़ रही महिलाओं की हिस्सेदारी; शहर के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा तेज बढ़ोतरी: PLFS डेटा

परिवार द्वारा संचालित उद्यमों में मदद करने या खुद अपना कारोबार चलाने से देश की महिला श्रमबल को सबसे ज्यादा काम मिल रहा है। आव​धिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) के जुलाई 2023 से जून 2024 के ताजा आंकड़ों में हर 3 में से 2 से ज्यादा महिलाओं ने अपने को ‘स्वरोजगार’ की श्रेणी में रखा […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें, भारत

इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स का सुझाव, CPI में सुधार के लिए घरेलू उपभोग पर किए जाने वाले खर्च पर नियमित सर्वे की जरूरत

देश में घरेलू उपभोग पर किए जाने वाले खर्च (household consumption expenditure) पर नियमित सर्वेक्षण आयोजित किए जाने चाहिए ताकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और अन्य व्यापक आर्थिक संकेतकों के आधार संशोधन (base revision) के लिए ताजा जानकारी उपलब्ध हो सके। यह सुझाव अर्थशास्त्रियों और विभिन्न इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स ने सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सम्मेलन […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

सुस्त रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था, Moody’s ने भारत की ग्रोथ रेट 7.1% रहने का अनुमान लगाया, S&P ने 6.8% पर रखा बरकरार

मूडीज एनॉलिटिक्स ने भारत की अर्थव्यवस्था सुस्त होकर 2024 में 7.1 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एजेंसी का कहना है कि भारत की वृद्धि दर सामान्य रहने के कारण एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र का प्रदर्शन नीचे रहने का अनुमान है। मूडीज रेटिंग्स की सहायक इकाई ने कहा, ‘विकासशील एशिया […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Formal Employment: जुलाई में औपचारिक नियुक्तियां बढ़ीं

देश में जुलाई में औपचारिक नियुक्तियों की संख्या बढ़ी है। यह औपचारिक श्रम बाजार के मजबूत होने का संकेत है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक जुलाई में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के नए मासिक सदस्यों की संख्या 2.6 फीसदी बढ़कर 10.5 लाख हो गई थी, जबकि यह संख्या […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Unemployment Rate: देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ी

भारत में बेरोजगारी दर में लगातार 5 साल तक की गिरावट के बाद 2023-24 के जुलाई-जून अवधि के दौरान बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत पर स्थिर हो गई है। इससे रोजगार के बाजार में गिरावट के संकेत मिलते हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी नवीनतम वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, ताजा खबरें

सितंबर में बिजनेस गतिविधियों में रही सुस्ती, फ्लैश PMI लुढ़ककर इस साल के निचले स्तर पर पहुंचा

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर, दोनों की व्यावसायिक गतिविधियों (business activity) में मंदी ने सितंबर में भारत की निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के विस्तार को धीमा कर दिया। यह जानकारी सोमवार को HSBC द्वारा किए गए एक सर्वे से सामने आई है। ग्लोबल बैंकर द्वारा किए गए इस सर्वे के मुताबिक, फ्लैश कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, आपका पैसा

EPFO और ई-श्रम के आंकड़े को जोड़ा जाएगा; असंगठित, संगठित क्षेत्र में श्रमिकों पर नजर रखने में मिलेगी मदद

केंद्रीय श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों और ई-श्रम पोर्टल के आंकड़ों के एकीकरण के लिए तैयार है। अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इसका उद्देश्य देश में कार्यबल के औपचारीकरण रुझान को मापना व आकलन करना है। अधिकारी ने बताया, ‘इन दो आंकड़ों के एकीकरण से वास्तविक समय के आधार […]