लेखक : शिवा राजौरा

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

सितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ा

भारत के सेवा क्षेत्र ने सितंबर में अपनी गति खो दी। एक निजी सर्वे ने सोमवार को बताया कि यह क्षेत्र निर्यात और कारोबारियां गतिविधियां सुस्त होने के अलावा मांग सुस्त होने से प्रभावित हुआ।  एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का आंकड़ा सितंबर में गिरकर 60.9 हो गया जबकि यह अगस्त […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी भारतीय अर्थव्यवस्था रहेगी मजबूत, GDP लगभग 7% रहने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार दमदार रहने की उम्मीद है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पहली तिमाही के 7.8 फीसदी से भले ही नीचे रह सकती है मगर सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कमोबेश मजबूत ही रहेगा। अनुकूल आधार और जीडीपी […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

सांख्यिकी मंत्रालय ने CPI में PDS खाद्य वस्तुओं को शामिल करने पर मांगी प्रतिक्रिया

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने प्रस्तावित नए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) श्रृंखला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से मुफ्त में वितरित खाद्य वस्तुओं को शामिल करने पर प्रतिक्रिया मांगी है। यह मंत्रालय का दूसरा चर्चा पत्र है। यह श्रृंखला अगले साल फरवरी में शुरू होने वाली है। चर्चा पत्र में पीडीएस की […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

विनिर्माण में नए ऑर्डर, उत्पादन और इनपुट खरीदारी धीमी गति से बढ़े

अमेरिका के शुल्क का अर्थव्यवस्था पर असर दिखने लगा है। बुधवार को जारी एक निजी सर्वे के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार सितंबर महीने में 4 महीने के निचले स्तर पर आ गया। इसकी वजह नए ऑर्डर में कमी है। एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में समग्र एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स का […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें

मैन्युफैक्चरिंग PMI सितंबर में 4 महीने के निचले स्तर पर, नए ऑर्डर्स की सुस्ती का दिखा असर

देश के प्राइवेट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां (India manufacturing PMI) सितंबर में चार महीने के निचले स्तर पर आ गईं। बुधवार को जारी एक प्राइवेट सर्वे में यह बात सामने आई। अमेरिका की सख्त टैरिफ पॉलिसी से नए ऑर्डर्स, आउटपुट और इनपुट खरीदारी की रफ्तार धीमी पड़ने का असर मैन्युफैक्चरिंग गतिवि​धियों पर देखने को मिला। […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

एडीबी ने वित्त वर्ष 27 के लिए घटाया भारत का आर्थिक वृद्धि अनुमान

एशिया विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 27 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 20 आधार अंक घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। दरअसल अमेरिका के शुल्क अत्यधिक बढ़ाने से निर्यात और विनिर्माण वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका है। इस बहुपक्षीय संगठन ने वित्त वर्ष 26 के लिए वृद्धि अनुमान को यथावत रखा है […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

अगस्त में औद्योगिक उत्पादन धीमा, विनिर्माण क्षेत्र की सुस्ती से IIP जुलाई के मुकाबले घटकर 4% पर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अनुकूल आधार के बावजूद अगस्त में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि सुस्त रही है।  विनिर्माण क्षेत्र सुस्त रहने के कारण अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर जुलाई के 4.3 प्रतिशत के संशोधित आंकड़े से घटकर 4 प्रतिशत रह गई। अगस्त […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Moody’s ने भारत की Baa3 रेटिंग स्थिर रखी, मजबूत अर्थव्यवस्था और बाहरी स्थिति बनी सहारा

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को भारत के लिए स्थिर दृष्टिकोण के साथ अपनी सबसे कम बीएए-3 रेटिंग की पुष्टि की है। एजेंसी ने कहा कि विपरीत बाहरी रुझानों के कारण विनिवेश के क्षेत्र में भारत को निवेश आकर्षित करने में व्यवधान आ रहा है, वहीं ‘तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और मजबूत बाहरी […]

आज का अखबार, आपका पैसा

EPFO ने सितंबर से ECR में संशोधन लागू किया, रिटर्न फाइलिंग और सत्यापन की सुविधा बढ़ाई

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नियोक्ताओं और संस्थानों के रिटर्न फाइलिंग के बेहतर बनाने के प्रयास के तहत संशोधित इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ईसीआर) की सुविधा सितंबर के मासिक वेतन से शुरू की है। यह जानकारी केंद्रीय भविष्य निधि कोष के आयुक्त ने दी।  इस संशोधित सुविधा में रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया को भुगतान प्रक्रिया […]

अर्थव्यवस्था

OECD ने भारत की वृद्धि अनुमान बढ़ाया, FY26 के लिए 6.7% का अनुमान

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने मंगलवार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 40 आधार अंक बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। यह वृद्धि मौद्रिक और राजकोषीय सुगमता और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के चलते की गई है, हालांकि उच्च शुल्क दरों से निर्यात क्षेत्र पर ‘दबाव’ […]