लेखक : सचिन मामपट्टा

चुनाव, ताजा खबरें, भारत, लोकसभा चुनाव

Amit Shah Portfolio: HUL से MRF और P&G समेत इन टॉप कंपनियों में अमित शाह ने लगाया हैं अपना पैसा

Amit Shah Portfolio: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर लोक सभा सीट से शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने 2019 में इसी सीट से चुनाव जीता था। उनके चुनावी हलफनामे में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, अमित शाह ने कई लिस्टेड कंपनियों पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का दांव […]

आज का अखबार, चुनाव, भारत, राजनीति, लोकसभा चुनाव

Lok Sabha Election 2024: धनवान प्रत्याशियों के पास अचल से ज्यादा चल संपत्ति

लोक सभा का चुनाव लड़ रहे धनी प्रत्याशियों के पास अचल के बजाय चल संपत्ति अधिक है। सभी दलों के शीर्ष दस धनी उम्मीदवारों की कुल चल संपत्ति की कीमत 1, 815 करोड़ रुपये है। यह उनकी अचल संपत्ति की कीमत से लगभग दोगुनी या इससे भी अधिक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

बैंकों में लगातार तीसरे साल भी कर्ज से पीछे छूटी जमा राशि, परिवारों का लोन रिकॉर्ड स्तर पर

भारत के परिवार पिछले 3 साल से बैंकों से कर्ज ज्यादा ले रहे हैं और उसकी तुलना में जमा कम कर रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ‘इकोस्कोप’ की 19 मार्च की रिपोर्ट से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2023 को समाप्त 9 महीनों के दौरान परिवारों ने सकल घरेलू उत्पाद के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, ताजा खबरें, लोकसभा चुनाव

याद आने लगा परियोजनाओं का लापतागंज, क्या चुनावी वादे फिर होंगे बदरंग

लापतागंज का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह एक छोटे से शहर की कहानी थी जिसे सिस्टम भूल गया था, और उसकी कल्पना हिंदी के प्रसिद्ध व्यंग्यकार (satirist) शरद जोशी ने की थी। भुला दिए गए सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के प्रोजेक्ट्स का एक ऐसा ही लापतागंज (भूली हुई जगह) मार्च में फिर से […]

आज का अखबार, कंपनियां, ताजा खबरें

Private sector: नई परियोजनाओं की घोषणा में रिकॉर्ड उछाल, विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक

निजी क्षेत्र ने मार्च में नई परियोजनाओं की रिकॉर्ड के करीब घोषणाएं कीं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक निजी क्षेत्र की नई परियोजनाओं की मार्च 2024 में समाप्त हुई तिमाही की घोषणाओं का मूल्य 9.8 लाख करोड़ रुपये था। यह वर्ष 2009 के बाद से दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है। सर्वाधिक […]

आज का अखबार, कंपनियां, चुनाव, लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने Google पर झोंके विज्ञापन, करीब 100 करोड़ पहुंचा खर्च; UP टॉप पर

वि​भिन्न राजनीतिक दलों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान गूगल के माध्यम से विज्ञापन पर खर्च बढ़ा दिया है। विशेष तौर पर राजनीतिक विज्ञापनों पर बीते तीन महीने में मार्च तक खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये पहुंच चुका है। यह धनरा​शि पिछले साल की इसी अव​धि के 11 करोड़ रुपये से नौ गुना अ​धिक है। […]

आज का अखबार, कंपनियां, चुनाव, राजनीति, लोकसभा चुनाव

Electoral Bonds: छोटी फर्मों ने अपने मुनाफे का बड़ा हिस्सा चंदे में दिया, टॉप 10 कंपनियों के मुकाबले बहुत ज्यादा अंतर

छोटी कंपनियों ने बड़ी कंपनियों की तुलना में अपने शुद्ध मुनाफे का बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्ड के रूप में राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों ने पिछले चार वर्षों में अपने कुल मुनाफे का महज 0.2 फीसदी के बराबर ही चंदा दिया है, जबकि, 10 सबसे कम मूल्यवान कंपनियों […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

शहरों में किराये के घर का बढ़ा दाम, भारत में ग्रामीण इलाकों में शिक्षा पर घटा खर्च: HCES रिपोर्ट

भारत के शहरों में रहने वाले लोग किराये के घर पर अब अधिक धन खर्च कर रहे हैं। वे 10 साल या 12 साल पहले की तुलना में घर के बजट का ज्यादा हिस्सा मकान के किराये पर खर्च कर रहे हैं। हालिया घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) 2022-23 के अनुसार शहरी भारत में मासिक […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बजट

Capital Expenditure: पूंजीगत खर्च आवंटन नई ऊंचाई पर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्र के पूंजीगत खर्च लक्ष्य को वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान के मुकाबले 16.9 प्रतिशत बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया। वैश्विक चुनौतियों के बीच सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास में इस लक्ष्य को काफी बढ़ाया गया है। […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

नई सरकारी परियोजनाओं में आई रिकॉर्ड कमी, रिपोर्ट में सामने आए डेवलपमेंट के कई आंकड़े

नई सड़कें, रेलवे व अन्य पूंजीगत व्यय (Capex) परियोजनाएं दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। सरकार ने दिसंबर में समाप्त तिमाही में महज 0.3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की है, जो अब तक का निचला स्तर है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों से यह पता […]