लेखक : भाविनी मिश्रा

आज का अखबार, भारत

राष्ट्रपति के लिए तय नहीं कर सकते समयसीमा: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय के संविधान पीठ ने गुरुवार को कहा कि न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 के अंतर्गत राज्यपालों या भारत के राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों के मामले में कोई समयसीमा निर्धारित नहीं कर सकते। शीर्ष न्यायालय ने कहा,‘हमें यह साफ तौर पर कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि न्यायिक रूप से […]

आज का अखबार, उद्योग

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़े प्रोजेक्ट्स को राहत, पोस्ट फैक्टो पर्यावरण मंजूरी पर विशेषज्ञों की सहमति

उच्चतम न्यायालय के पोस्ट-फैक्टो यानी परियोजना शुरू अथवा पूरी होने के बाद पर्यावरण मंजूरी को प्रतिबंधित करने का फैसला पटलने को कानून विशेषज्ञों ने उचित बताया है। उनका मानना है कि इससे रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचा, सार्वजनिक उपक्रमों की बड़ी परियोजनाओं और खनन क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। कानून फर्म एसकेवी लॉ ऑफिसेस में पार्टनर […]

आज का अखबार, कंपनियां

आईएचएफएल जांच में ‘निष्क्रियता’ पर सुप्रीम कोर्ट की सेबी-सीबीआई को कड़ी फटकार

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (आईएचएफएल, अब सम्मान कैपिटल) के खिलाफ आरोपों की जांच में ‘निष्क्रिय रवैया’ अपनाने के लिए कड़ी फटकार लगाई। यह मामला सिटीजन्स व्हिसल ब्लोअर फोरम द्वारा अनियमितताओं की विशेष जांच […]

आज का अखबार, टेक-ऑटो, ताजा खबरें

Meta-WhatsApp डेटा साझेदारी मामले में सीसीआई ने एनसीएलएटी से मांगा स्पष्टीकरण

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (एनसीएलएटी) के समक्ष एक आवेदन दायर कर उसके 4 नवंबर के फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस फैसले में नियामक के उस निर्देश को पलट दिया गया था जिसमें मेटा और व्हाट्सऐप को विज्ञापन के मकसद से पांच साल तक अन्य मेटा समूह कंपनियों के […]

ताजा खबरें, भारत

उत्तराखंड सरकार को तीन महीने में कॉर्बेट रिजर्व सुधारने का SC का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि वह पाखरो टाइगर सफारी के निर्माण के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अनधिकृत इमारतों से लेकर सड़क निर्माण और बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाए। पिछले साल मार्च में नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति […]

भारत

Delhi AQI: वायु गुणवत्ता पर SC की सख्त नजर, दिल्ली सरकार से दो दिन में जवाब तलब

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मापने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की प्रकृति एवं उनकी कार्यक्षमता पर दिल्ली सरकार से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायालय का यह आदेश इन आरोपों के बीच आया है कि प्रदूषण से संबंधित आंकड़ों के साथ छेड़-छाड़ के लिए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के […]

आज का अखबार, भारत

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक

सर्वोच्च न्यायालय ने आज अपने एक फैसले में कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन कार्यों की अनुमति नहीं होगी। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे क्षेत्रों को औद्योगिक गतिविधियों से दूर रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने अप्रैल 2023 के अपने […]

आज का अखबार, भारत

पराली जलाने पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट: पंजाब-हरियाणा से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, बढ़ते प्रदूषण पर जताई चिंता

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने दोनों राज्यों की सरकारों को पराली जलाने से रोकने के लिए लागू उपायों की रूपरेखा वाली रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, भारत

अचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर कहा है कि अचल संपत्ति की बिक्री अपने आप में वित्त अधिनियम, 1994 के तहत ‘सेवा’ नहीं है। इसलिए यह सेवा कर के दायरे से बाहर है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और संदीप मेहता के पीठ ने इलाहाबाद की एक साझेदार फर्म मेसर्स एलीगेंट डेवलपर्स के खिलाफ नई दिल्ली के […]

आज का अखबार, कंपनियां, भारत

संपत्ति पंजीकरण में सुधार के लिए ब्लॉकचेन तकनीक अपनाए सरकार: सुप्रीम कोर्ट

देश में संपत्ति से जुड़े लेनदेन को ‘कष्टप्रद’ बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह ब्लॉकचेन तकनीक अपनाकर देश भर में संपत्ति पंजीयन को सरल-सहज बनाने की दिशा में पहल करे। न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची ने देश में भू पंजीयन और स्वामित्व व्यवस्था में आमूलचूल […]