लेखक : अभिजित लेले

आज का अखबार, वित्त-बीमा

RBI ने ARC और उधारकर्ताओं के बकाया निपटान के नियम सरल किए, समाधान प्रक्रिया होगी तेज

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) और उधारी लेने वालों के बीच बकाये के निपटान से जुड़े मानक सरल कर दिए हैं। इससे जुड़े नियमों को करीब करीब बैंकों और एनबीएफसी के लिए बने मानकों की तर्ज पर कर दिया गया है। अब 1 करोड़ रुपये से ऊपर के बकाये […]

आज का अखबार, वित्त-बीमा

माइक्रोफाइनेंस सेक्टर पर दबाव, SBI ने कहा- जल्द सुधार की उम्मीद

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पर दबाव में वृद्धि चक्रीय है और इस तरह के ऋण के 10,000 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो में फंसा कर्ज 100 करोड़ रुपये से बढ़कर 700 करोड़ रुपये हो गया है। एमएफआई के स्वनियामक संगठन सा-धन द्वारा आयोजित ऋणदाता निवेशक सम्मेलन के दौरान […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बाजार, बैंक

रुपया गिरा, तो देसी बैंकों की किस्मत चमकी, होगा मोटा मुनाफा, चमकेंगे शेयर

भारतीय कंपनियों ने पिछले साल विदेश से 23.33 अरब डॉलर कर्ज जुटाया, जो 2023 के विदेशी कर्ज की तुलना में 20.2 फीसदी रहा। उस साल कंपनियों ने विदेश से 29.22 अरब डॉलर उधार लिए थे। पूरे दशक में इतना अधिक विदेशी कर्ज पहले नहीं लिया गया था। 2022 के 14.38 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, बैंक, वित्त-बीमा

Small Finance Banks: लघु वित्त बैंकों की लाभप्रदता पर दबाव, वित्त वर्ष 2025 में ROA घटकर 1.4-1.6% होने का अनुमान

लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) की लाभप्रदता पर मार्च, 2025 की समाप्ति पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। दरअसल, कोषों की बढ़ती लागत और उच्च ऋण लागत से विशेष तौर पर माइक्रोफाइनैंस ऋण चूक बढ़ी है। इसका परिणाम यह हुआ है कि वित्त वर्ष 25 में परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) घटकर 1.4 से 1.6 प्रतिशत […]

आज का अखबार, वित्त-बीमा

रकम के उपयोग पर नजर रखने के लिए बने साझा तंत्र: SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी

देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) द्वारा डेट और इक्विटी के माध्यम से एकत्र किए गए धन के इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए एक साझा तंत्र बनाने की वकालत की है, जिससे ऋणदाताओं और निवेशकों को मूल्य निर्धारण अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहूलियत हो। स्टेट […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

GDP growth: जीडीपी वृद्धि धीमी कर रहा बढ़ा ब्याज

चालू वित्त वर्ष के दौरान ऊंची ब्याज दरों और राजकोषीय मजबूती के कारण भारत के आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही है। क्रिसिल ने आज एक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है। इसके अलावा […]

उद्योग

सूक्ष्म वित्त की वृद्धि गिरकर 4 प्रतिशत

सूक्ष्म वित्त संस्थान के रूप में काम करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी – एमएफआई) का संपत्ति प्रबंधन पोर्टफोलियो की वृद्धि ऋण वितरकों के ऋण वितरण में सख्ती बरतने और कोष की कमी के कारण तेजी से गिरकर वित्त वर्ष 25 में 4 प्रतिशत आने की उम्मीद है जबकि वित्त वर्ष 24 में सालाना […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

दिसंबर तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन बेच सकते हैं बैंक और वित्तीय संस्थान

बैंक और वित्तीय कंपनियां नकदी की चुनौती के कारण दिसंबर 2024 में समाप्त वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये के लोन के प्रतिभूतिकरण का रास्ता अपना सकती हैं। यह ऋण ‘पास थ्रू सर्टिफिकेट (पीटीसी) और ‘डायरेक्ट असाइनमेंट (डीए)’ के जरिये बेचे जाएंगे। इसके अलावा उधारी की बढ़ती मात्रा के कारण नियामकीय […]

अर्थव्यवस्था, समाचार

भारत का आउटवर्ड FDI नवंबर में आधा होकर $2.28 बिलियन पहुंचा: RBI डेटा

नवंबर 2024 में भारत की आउटवर्ड फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) कमिटमेंट्स लगभग आधी होकर $2.28 बिलियन रह गईं जो नवंबर 2023 में $4.17 बिलियन थीं। अक्टूबर 2024 में यह आंकड़ा $3.43 बिलियन था। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से सामने आई है। आउटवर्ड एफडीआई के कंपोनेंट आउटबाउंड एफडीआई को तीन हिस्सों में […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

भारत पर बढ़ता संपत्ति गुणवत्ता का दबाव

रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि तेजी से ऋण वद्धि और ऐतिहासिक रूप से जोखिम लेने की प्रवृत्ति के कारण भारत और वियतनाम जैसे उभरते बाजारों में परिसंपत्ति गुणवत्ता का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, मजबूत आर्थिक स्थितियों और कम ब्याज दरों के कारण अल्पावधि में परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी […]