लेखक : अभिजित लेले

आज का अखबार, वित्त-बीमा

रकम के उपयोग पर नजर रखने के लिए बने साझा तंत्र: SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी

देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) द्वारा डेट और इक्विटी के माध्यम से एकत्र किए गए धन के इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए एक साझा तंत्र बनाने की वकालत की है, जिससे ऋणदाताओं और निवेशकों को मूल्य निर्धारण अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहूलियत हो। स्टेट […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

GDP growth: जीडीपी वृद्धि धीमी कर रहा बढ़ा ब्याज

चालू वित्त वर्ष के दौरान ऊंची ब्याज दरों और राजकोषीय मजबूती के कारण भारत के आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही है। क्रिसिल ने आज एक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है। इसके अलावा […]

उद्योग

सूक्ष्म वित्त की वृद्धि गिरकर 4 प्रतिशत

सूक्ष्म वित्त संस्थान के रूप में काम करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी – एमएफआई) का संपत्ति प्रबंधन पोर्टफोलियो की वृद्धि ऋण वितरकों के ऋण वितरण में सख्ती बरतने और कोष की कमी के कारण तेजी से गिरकर वित्त वर्ष 25 में 4 प्रतिशत आने की उम्मीद है जबकि वित्त वर्ष 24 में सालाना […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

दिसंबर तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन बेच सकते हैं बैंक और वित्तीय संस्थान

बैंक और वित्तीय कंपनियां नकदी की चुनौती के कारण दिसंबर 2024 में समाप्त वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये के लोन के प्रतिभूतिकरण का रास्ता अपना सकती हैं। यह ऋण ‘पास थ्रू सर्टिफिकेट (पीटीसी) और ‘डायरेक्ट असाइनमेंट (डीए)’ के जरिये बेचे जाएंगे। इसके अलावा उधारी की बढ़ती मात्रा के कारण नियामकीय […]

अर्थव्यवस्था, समाचार

भारत का आउटवर्ड FDI नवंबर में आधा होकर $2.28 बिलियन पहुंचा: RBI डेटा

नवंबर 2024 में भारत की आउटवर्ड फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) कमिटमेंट्स लगभग आधी होकर $2.28 बिलियन रह गईं जो नवंबर 2023 में $4.17 बिलियन थीं। अक्टूबर 2024 में यह आंकड़ा $3.43 बिलियन था। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से सामने आई है। आउटवर्ड एफडीआई के कंपोनेंट आउटबाउंड एफडीआई को तीन हिस्सों में […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

भारत पर बढ़ता संपत्ति गुणवत्ता का दबाव

रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि तेजी से ऋण वद्धि और ऐतिहासिक रूप से जोखिम लेने की प्रवृत्ति के कारण भारत और वियतनाम जैसे उभरते बाजारों में परिसंपत्ति गुणवत्ता का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, मजबूत आर्थिक स्थितियों और कम ब्याज दरों के कारण अल्पावधि में परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी […]

वित्त-बीमा

परिवारों को महंगाई बढ़ने का अनुमान, भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक के नवंबर के सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय परिवारों को लगता है कि आगे महंगाई और बढ़ेगी। इसके साथ ही कमजोर धारणा के चलते उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास को भी झटका लगा है। नवंबर के सर्वेक्षण के दौरान मौजूदा महंगाई को लेकर परिवारों की औसत धारणा में 30 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई और […]

अर्थव्यवस्था, वित्त-बीमा

एनआरआई के लिए जमा दर की सीमा बढ़ी

विदेशी मुद्रा अनिवासी बैंक जमाओं (एफसीएनआर-बी) पर ब्याज दरों की सीमा बढ़ाने के आरबीआई के फैसले से रकम आकर्षित करने पर सीमित असर पड़ेगा क्योंकि वैश्विक बाजारों में दरें नरम होने के कारण भारतीय बैंक विदेशी निवेशकों से काफी प्रतिस्पर्धी दर पर रकम जुटा रहे हैं। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक अब […]

आज का अखबार, बीमा, वित्त-बीमा

NBFC Growth: एनबीएफसी की संपत्ति धीरे बढ़ेगी

भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की परिसंपत्ति की वृद्धि मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) और अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में घटकर सालाना आधार पर 15-17 फीसदी ही रह सकती है। वित्त वर्ष 24 में इसमें 23 फीसदी की अच्छी वृदि्ध हुई थी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक वृद्धि को […]

आज का अखबार, कंपनियां

Crisil Ratings: अदाणी के पास ऋण देनदारी के लिए पर्याप्त नकदी

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने आज कहा कि मध्य अवधि में कर्ज की देनदारी और प्रतिबद्ध पूंजीगत व्यय योजनाओं को पूरा करने के लिए अदाणी समूह के पास पर्याप्त तरलता और परिचालन नकदी प्रवाह है।यह बयान अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के प्रमुख पदाधिकारियों गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन के खिलाफ अमेरिका के […]