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विदेश यात्रा बढ़ने की संभावना

विशेषज्ञों का कहना है कि 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी बदलाव से यात्रा व विदेशी विनिमय सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- February 03, 2025 | 10:35 PM IST

केंद्रीय बजट में उदारीकृत धनप्रेषण योजना (एलआरएस) में स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) करने की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे यात्रा और विदेशी मुद्रा विनिमय क्षेत्रों को लाभ मिलने के साथ कर अनुपालन में वृद्धि की उम्मीद है।

2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘रिजर्व बैंक की एलआरएस योजना के तहत धनप्रेषण पर संग्रह किए जाने वाले टीसीएस की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। मैं शिक्षा के मकसद से धनप्रेषण पर टीसीएस खत्म करने का भी प्रस्ताव करती  हूं, जहां ऐसा धनप्रेषण किसी निर्दिष्ट वित्तीय संस्थान से लिए गए ऋण में से हो।’

विशेषज्ञों का कहना है कि 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी बदलाव से यात्रा व विदेशी विनिमय सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही विद्यार्थियों को अतिरिक्त लाभ मिलने के साथ कर अनुपालन में भी सुधार होगा। 

क्रिसिल रेटिंग्स में डायरेक्टर पूनम उपाध्याय ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना के तहत धनप्रेषण में स्रोत पर कर संग्रह की सीमा 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये करने से यात्रा व विदेशी विनिमय सेग्मेंट को बढ़ावा मिलेगा। विद्यार्थियों और अपना इलाज कराने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा।’ नवंबर 2024 में एलआरएस के तहत विदेश भेजा गया धन करीब 1.95 अरब डॉलर रहा है। 2004 में पेश किए गए एलआरएस के मुताबिक अवयस्क सहित सभी प्रवासी व्यक्ति को एक वित्त वर्ष में अनुमति प्राप्त चालू व पूंजी खाते या दोनों माध्यम से 2,50,000 डॉलर तक भेजने की अनुमति है। 

शुरुआत में इस योजना की सीमा 25,000 डॉलर थी। इसकी सीमा समय-समय पर बढ़ाई गई है। बीडीओ इंडिया में पार्टनर, एफएस टैक्स, मनोज पुरोहित ने कहा कि एलआरएस पर टीसीएस की सीमा को मौजूदा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करके इसे तार्किक बनाने पर छूट का आधार बढ़ेगा और अनुपालन में वृद्धि होगी। 

First Published : February 3, 2025 | 10:35 PM IST