भारत की प्रमुख आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के लिए दूसरी तिमाही का वित्तीय परिणाम अनुमानों के अनुरूप नहीं रहा।
कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी एवं कार्यकारी निदेशक एन गणपति सुब्रमण्यन (Ganapathy Subramanian) ने मुंबई में शिवानी शिंदे के साथ एक साक्षात्कार में टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (टीसीवी) और कमजोर राजस्व वृद्धि के अलावा दो-तीन साल में करीब दो लाख नियुक्तियों समेत कई प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से बतचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
-क्या मौजूदा समय में अनिश्चितता बनी हुई है? खासकर दूसरी तिमाही के प्रदर्शन और ग्राहक खर्च पर अस्पष्टता के संदर्भ में?
कई प्रमुख वृहद संकेतक हैं और हरेक क्षेत्र की खास समस्याएं हैं। एक है समग्र अर्थव्यवस्था। शुरू में इसे लेकर चिंता थी कि मंदी आने वाली है। फिर महंगाई पर चर्चा तेज हो गई। जहां मंदी के हालात हैं, वहीं बेरोजगारी निचले स्तर पर है।
दूसरी समस्या सिलिकन वैली बैंक के संकट से अचानक पैदा हुई और लोग सतर्क हो गए। इसके अलावा, बैंकिंग उद्योग में नकारात्मक रुझान दिख रहा है, क्योंकि उपभोक्ता बचत सर्वाधिक निचले स्तर पर आ गई है और बकाया में इजाफा हो रहा है। इससे बैंकों में सतर्कता बढ़ी है।
इसी तरह, निर्माण क्षेत्र को बदलावों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर वाहन तथा इलेक्ट्रिक वाहनों में वृद्धि के संदर्भ में। जब तक ये छोटी छोटी समस्याएं दूर नहीं होंगी, खर्च पूरी तरह से बहाल नहीं होगा। इसके अलावा अमेरिका में चुनाव भी हैं।
-क्या यह कहना सही होगा कि इस वित्त वर्ष का यह सबसे कब दबाव वाला समय है?
हमें कम से कम एक और तिमाही का इंतजार करना होगा। अर्थव्यवस्था कैसी भी रही हो, यह मौसमी आधार पर कमजोर तिमाही है क्योंकि कामकाजी दिनों की संख्या कम है। हम इस संदर्भ में तीसरी तिमाही में सफल रहने की उम्मीद कर रहे हैं और चौथी में सकारात्मक बदलाव दर्ज करने तथा एक अच्छा वित्त वर्ष 2025 दर्ज करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
-दूसरी तिमाही में 11.2 अरब डॉलर की टीसीवी दर्ज की गई। यह लगातार ऐसी तीसरी सफल तिमाही रही जिसमें टीसीवी 10 अरब डॉलर और उससे अधिक है। इसे किससे मदद मिल रही है?
इसके बारे में आपको विस्तार से नहीं बता सकता। लेकिन यह 11.2 अरब डॉलर है, हमारे पास दो बड़े सौदे आए- जगुआर लैंडरोवर और भारत संचार निगम लिमिटेड। भारत संचार निगम एकदम नया खर्च है, इससे नया ढांचा तैयार हो रहा है। जेएलआर के मामले में, यह इलेक्ट्रिक वाहनों, एल्गोरिदम इस्तेमाल, आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन से जुड़ी है।
-टीसीएस कर्मचारियों को ऑफिस वापस बुला रही है। ऐसे में, क्या आप मानते हैं कि इस्तीफों को बढ़ावा मिलेगा?
कंपनी और उद्योग के तौर पर बदलाव लाए जाने की जरूरत है। ग्राहक भारत के आईटी उद्योग को पसंद करते हैं, जिसकी वजह है उसका कार्य परिवेश और नैतिकता। उद्योग को यह समझना जरूरी है कि कार्य परिवेश ऐसी चीज है जिसके लिए उद्योग को जाना जाता हैऔर इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। यदि आप इसे टीसीएस के तौर-तरीकों के साथ जोड़ते हैं और ‘टीसीएस फैमिली’ नामक एक बंधन तैयार करते हैं तो हमें लोगों को बेहतर तरीके से जानने-समझने की जरूरत होगी।
कंपनी के तौर हमने पिछले दो-तीन साल में करीब 200,000 लोग जोड़े हैं और इनमें से कुछ तो ऑफिस कभी नहीं आए हैं। अब हम इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि लोगों को ऑफिस वापस आना चाहिए।
-ब्रिटिश बाजार ने टीसीएस के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। अमेरिकी बाजार में सुस्ती रही है। इस पर आपकी क्या राय है?
हम ब्रिटेन में लंबे समय से हैं। इसके अलावा, हमने कई बड़े सौदे भी हासिल किए हैं। उदाहरण के लिए, डिलिजेंटा के जरिये हमने कुछ सौदे हासिल किए थे जिन्हें अब क्रियान्वित किया जा रहा है। हम राजस्व स्रोत तैयार कर रहे हैं। लगभग हरेक उद्योग गैर-ब्रेक्सिट दुनिया में परिचालन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।