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जापान ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए

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शुभायन चक्रवर्ती
Last Updated- March 21, 2023 | 9:20 AM IST

भारत और जापान ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए ऋण की चौथी किस्त के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके लिए जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) की विदेशी विकास सहायता योजना के माध्यम से वित्तीय समर्थन दिया जा रहा है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा आर्थिक सहयोग, आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा करने के लिए भारत की दो दिवसीय द्विपक्षीय यात्रा पर हैं।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर भी चर्चा की। पिछले साल मार्च में अपनी भारत यात्रा के दौरान किशिदा ने अगले पांच साल में भारत में पांच लाख करोड़ येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश के लक्ष्य की घोषणा की थी।

विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक की उपलब्धि के तौर पर ‘मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) के लिए 300 अरब येन वाली जीआईसीए ओडीए ऋण की चौथी किस्त के आदान-प्रदान’ का जिक्र किया।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इस यात्रा के दौरान भारत और जापान के बीच ऋण समझौते की चौथी किस्त पर हस्ताक्षर किए गए।’ उन्होंने कहा कि नेताओं ने बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति का भी जायजा लिया।’ जुलाई, 2022 में, जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) के निर्माण के लिए आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) ऋण के तहत 10000 करोड़ जापानी येन (लगभग 6,000 करोड़ रुपये) देने के लिए भारत सरकार के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जेआईसीए ने 2017 में लगभग 18,000 करोड़ रुपये के ऋण पैकेज की प्रतिबद्धता जताई थी।

नैशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) ने वर्ष 2026 तक कॉरिडोर के लिए बुनियादी ढांचे के कार्यों से जुड़े भारत के हिस्से को पूरा करने की योजना बनाई है। इस परियोजना का कुल वित्तीय खर्च 1.08 लाख करोड़ रुपये है।

अक्टूबर तक, केंद्र ने गुजरात में 98.87 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 95.45 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया था। कॉरिडोर का टर्मिनल स्टेशन बीकेसी भी प्रगति कर रहा है लेकिन राज्य में एक भूखंड अभी विवादों में फंसा हुआ है। गोदरेज ऐंड बॉयसी मैन्युफैक्चरिंग और एनएचएसआरसीएल के बीच करीब 10 एकड़ जमीन के भूखंड के मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है।

दोनों देशों ने जापानी भाषा पर सहयोग ज्ञापन का नवीनीकरण भी किया। किशिदा ने मई में हिरोशिमा में होने वाली जी-7 नेताओं की बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित भी किया। दोनों नेताओं ने इस साल मेजबान देश के रूप में भारत के जी20 लक्ष्यों के बारे में भी बात की।

मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र
किशिदा ने भारतीय वैश्विक परिषद द्वारा आयोजित 41वें सप्रू हाउस व्याख्यान में कहा कि जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा और इस क्षेत्र में स्वतंत्रता, कानून के शासन को अहमियत देने के साथ ही इसे किसी दबाव या नियंत्रण से मुक्त रखते हुए इसे समृद्ध बनाने पर जोर दिया जाएगा।

किशिदा ने कहा कि उनकी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा प्रस्तावित एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की राह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और जापान अपने विदेशी विकास सहायता कार्यक्रम के विस्तार के माध्यम से इस क्षेत्र में अपने राजनयिक प्रयासों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि उनका देश 2030 तक भारत-प्रशांत क्षेत्र में निजी निवेश, येन ऋण और अन्य माध्यमों से बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक और निजी फंड से कुल 75 अरब डॉलर जुटाएगा।

उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार ‘निजी पूंजी जुटाने’ से जुड़ी अनुदान सहायता के लिए एक नया मसौदा पेश करेगी जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रत्येक देश में युवाओं द्वारा स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए एक नया जरिया है। उन्होंने कहा, ‘यह सार्वजनिक और निजी फंडों के तालमेल का प्रभाव बढ़ाने का एक नया प्रयास है और जापान इस विचार का समर्थन करने वाले क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करेगा।’

इसके अलावा, जापान की संसद जापान बैंक फॉर इंटरनैशनल कोऑपरेशन कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है जो जेबीआईसी के ऋण पोर्टफोलियो वाले विदेशी कंपनियों को जोड़ देगा जो जापानी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करते हैं। किशिदा ने कहा कि विदेशी परिचालन वाले स्टार्टअप में निवेश संभव बनाकर, यह निजी कंपनियों को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए डिजिटल और डिकार्बोनाइजेशन जैसे वृद्धि वाले क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

 

First Published : March 21, 2023 | 9:20 AM IST