आज का अखबार

बाबा रामदेव की माफी पर 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Misleading advertising: न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा, 'आप एलोपैथ को नीचा नहीं दिखा सकते। आप अपना काम करिये। आपको दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। कानून सभी के लिए बराबर है।'

Published by
भाविनी मिश्रा   
Last Updated- April 23, 2024 | 11:35 PM IST

Misleading advertising cases: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के संस्थापक योगगुरु रामदेव (Baba Ramdev) और इसके प्रबंधन निदेशक आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एलोपैथी को लेकर भ्रामक विज्ञापन के मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पीठ इस पर अभी विचार करेगी कि रामदेव और बालकृष्ण की माफी स्वीकार की जाए अथवा नहीं।

अदालत ने उन्हें सार्वजनिक बयान जारी करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह के पीठ ने कहा, ‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि आपको माफ कर देंगे। हम आपके पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए आंखें बंद नहीं कर सकते। हम आपकी माफी पर विचार करेंगे।’

न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा, ‘आप एलोपैथ को नीचा नहीं दिखा सकते। आप अपना काम करिये। आपको दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। कानून सभी के लिए बराबर है।’

रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने पीठ को बताया कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है और वे इस संबंध में और विज्ञापन जारी करना चाहते हैं। पीठ ने कहा कि अखबारों में प्रकाशित सार्वजनिक माफी रिकॉर्ड पर नहीं है। यह दो दिन में पेश की जाए।

पीठ ने मामले में याचीआईएमए से भी कहा कि उनके सदस्यों के कथित अनैतिक कृत्यों के बारे में कई शिकायतें की गई हैं, जो अत्यधिक महंगी दवाएं और उपचार लिखते हैं।

First Published : April 23, 2024 | 10:34 PM IST