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सरकार की जांच में दवा बनाने वाली कंपनियों में मिलीं कई खामियां

भारत का 41 अरब डॉलर का दवा उद्योग वैश्विक रूप से बड़े दवा व्यवसाय केंद्रों में से एक है।

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एजेंसियां   
Last Updated- August 02, 2023 | 10:56 PM IST

भारत में दवा बनाने वाली कंपनियों की गहन जांच के बाद तमाम खामियां पाई गई हैं। इनमें कच्चे माल के परीक्षण का अभाव सहित कई गड़बड़ी शामिल है। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। भारत के अधिकारियों ने हाल के महीनों में तब दवा निर्माताओं की जांच शुरू की थी, जब कुछ कफ सिरप को विदेश में 95 बच्चों की मृत्यु से जोड़ा गया था।

हाल में 162 फैक्टरियों और 14 सरकारी प्रयोगशालाओं में जोखिम पर आधारित जांच में कुछ गड़बड़ियां पाई गईं, जिनमें पर्याप्त दस्तावेज न रखना, प्रक्रिया और विश्लेषणात्मक तथ्यों का अभाव, खुद के आकलन की अनुपस्थिति, गुणवत्ता विफलता जांच का अभाव और आंतरिक उत्पाद गुणवत्ता जांत का अभाव शामिल है।

खांसी की दवा से जुड़ी मौतों के कारण भारत की छवि खराब हुई

इसमें कच्चे माल के परीक्षण के अभाव, प्रदूषण से बचने के उपायों की कमी, पेशे के हिसाब से पात्र कर्मचारियों की कमी और विनिर्माण व परीक्षण क्षेत्रों के दोषपूर्ण डिजाइन को भी चिह्नित किया गया है।

भारत का 41 अरब डॉलर का दवा उद्योग वैश्विक रूप से बड़े दवा व्यवसाय केंद्रों में से एक है। इसे पश्चिमी उत्पादों के सस्ते वैकल्पिक बाजार के रूप में जाना जाता है। लेकिन हाल में खांसी की दवा से जुड़ी मौतों के कारण भारत की छवि खराब हुई है।

सरकार ने रोका था 4 दवा निर्माताओं का उत्पादन

विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित विदेशी एजेंसियों द्वारा खांसी की दवा में मिलावट की बात कहे जाने के बाद सरकार ने 4 दवा निर्माताओं का उत्पादन रोक दिया था। वहीं कंपनियों ने कुछ भी गलत काम करने के आरोप से इनकार किया था।

मंत्रालय ने कहा कि जांच के दौरान पाई गई खामियों को देखते हुए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों के तहत बेहतर विनिर्माण प्रथाओं को अद्यतन किया गया है। अद्यतन नियमों में गुणवत्ता जोखिम प्रबंधन पेश किया जाना, उत्पाद की गुणवत्ता की समीक्षा, आपूर्तिकर्ता की ऑडिट एवं मंजूरी, उपकरणों का सत्यापन शामिल है।

सिरप की जांच सख्त

मंत्रालय ने कहा है कि विनिर्माण जरूरतों के उन्नयन के लिए बड़े दवा विनिर्माताओं को 6 महीने और छोटे विनिर्माताओं को 12 महीने का वक्त दिया गया है।

भारत ने जून से खांसी के सिरप की जांच सख्त कर दी है और कंपनियों के लिए सरकारी प्रयोगशाला से विश्लेषण प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य कर दिया है।

First Published : August 2, 2023 | 10:56 PM IST