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सामान्य बीमा उद्योग की साल 2030 तक GDP के 1.5 फीसदी के बराबर प्रसार पर नजर

सामान्य बीमा उद्योग अगले 10-15 वर्षों में 20 से 25 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है, जिसकी वजह सुधार व प्रगति है।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- October 31, 2023 | 9:46 PM IST

सामान्य बीमा उद्योग अपना प्रसार साल 2030 तक बढ़ाकर जीडीपी (GDP) के 1.5 फीसदी के बराबर ले जाने की योजना बना रहा है, जो अभी 1 फीसदी है। बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में उद्योग की प्रमुख कंपनियों के आला अधिकारियों ने ये बातें कही।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के एमडी व सीईओ भार्गव दासगुप्ता ने कहा, जब हमने शुरुआत की थी तो हमारा प्रसार 0.5 फीसदी था और 7-8 साल में 1.5 फीसदी पर पहुंचना व्यावहारिक होगा।

सामान्य बीमा उद्योग अगले 10-15 वर्षों में 20 से 25 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है, जिसकी वजह सुधार व प्रगति है।

पिछले दो दशक में उद्योग की बढ़त की रफ्तार 16 फीसदी से ज्यादा रही जबकि कीमतों में गिरावट आई। सम इंश्योर्ड कीमतें उद्योग के तौर पर खास तौर से 2008 से 2012 के बीच नरम हुई है। इसकी तुलना में अनुकूल माहौल में दासगुप्ता को उम्मीद है कि उद्योग ठीक-ठाक वृद्धि दर्ज करेगा।

भारत में सामान्य बीमा कंपनियों का प्रसार 1 फीसदी है जबकि इसकी तुलना में जीवन बीमा कंपनियों का प्रसार 3.2 फीसदी है। साथ ही दुनिया भर के मुकाबले भारत में इसका प्रसार कम है। कम प्रसार के कारण प्रमुख सामान्य बीमा कंपनियों के प्रमुखों का मानना है कि इसमें 4 गुना बढ़ोतरी की गुंजाइश है, जहां तक अभी ये सेवाएं नहीं पहुंची है।

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक किशोर कुमार पोलुदासु के मुताबिक, जीवन व सामान्य बीमा के प्रसार की खाई पाटने के लिए कंपनियां ग्रामीण इलाकों पर ध्यान दे सकती हैं जहां ज्यादातर परिसंपत्तियों का बीमा अभी नहीं हुआ है, जिसके कारण जोखिम का ट्रांसमिशन नहीं हो पा रहा है।

इसके अलावा अनुकूल नियमन, नई योजनाएं, नई पूंजी, ग्राहकों को जोड़न के लिए नवोन्मेषी तरीके, डिजिटल तकनीक से मदद आदि से इस क्षेत्र के प्रसार को सहारा मिल सकता है।

दासगुप्ता ने कहा, नियामक की तरफ से बदलाव की हुई पहल के कारण नई योजनाओं की पेशकश हुई और ग्राहकों से जुड़ाव के नवोन्मेषी तरीके सामने आए, चाहे यह बिजनेस या सेवाओं की सोर्सिंग का मामला हो या फिर दावे का निपटान, डिजिटल तरीके से उचित सहारा मिल गया।

इसके अलावा और कंपनियों के इस क्षेत्र में उतरने से निश्चित तौर पर प्रसार में सुधार लाने में व देश में जागरूकता लाने में मदद मिलेगी। बीमा नियामक की मजबूत मदद और उद्योग के लिए अच्छी खासी पूंजी की उपलब्धता से उद्योग अच्छी वृद्धि दर्ज कर पाएगा।

First Published : October 31, 2023 | 9:46 PM IST