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क्या Hyundai बरकरार रख पाएगी अपनी नंबर 2 की पोजीशन? Tata Motors और Mahindra से मिल रही कड़ी टक्कर

Hyundai ने दूसरे स्थान के लिए Tata Motors के साथ लंबे समय से कुश्ती लड़ी है। M&M लगातार चार्ट पर चढ़ रही है क्योंकि भारतीय उपभोक्ता बड़े यात्री वाहनों को अपना रहे हैं।

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अंशु   
Last Updated- July 09, 2024 | 6:20 PM IST

साउथ कोरिया की दिग्गज कार निर्माता कंपनी ह्युंडै (Hyundai) एक तरफ भारत का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ वह भारतीय ऑटो मार्केट में अपनी नंबर 2 की पोजीशन बरकरार रखने के लिए देश की दो दिग्गज ऑटोमेकर टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) से जंग भी लड़ रही है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के वाहन मार्केट में तेजी से बिक रहे हैं, जिससे ह्युंडै पर दबाव बढ़ रहा है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

नंबर 2 की पोजीशन के लिए Tata Motors और M&M रेस में

ह्युंडै ने दूसरे स्थान के लिए टाटा मोटर्स के साथ लंबे समय से कुश्ती लड़ी है। अपने बड़े, तेजतर्रार स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों (SUVs) के लिए प्रसिद्ध महिंद्रा लगातार चार्ट पर चढ़ रही है क्योंकि भारतीय उपभोक्ता बड़े यात्री वाहनों को अपना रहे हैं।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने भारत में बेची गई कुल पैसेंजर व्हीकल में ह्युंडै की हिस्सेदारी 13.5 फीसदी रही। वहीं, जगुआर लैंड रोवर के मालिक टाटा मोटर्स ने 13.2 फीसदी और महिंद्रा ने 12.4 फीसदी कारें बेचीं। मारुति सुजुकी लिमिटेड 40 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत की नंबर वन कार निर्माता कंपनी है।

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IPO पेश करने की तैयारियों के बीच छिड़ी बिक्री की जंग

दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक, भारत में बिक्री के लिए संघर्ष ठीक उसी समय शुरू हुआ है, जब ह्युंडै मोटर इंडिया लिमिटेड सितंबर या अक्टूबर में आने वाले अपने अपेक्षित आईपीओ से पहले निवेशकों की रुचि का आकलन शुरू करने की योजना बना रही है।

बता दें कि कंपनी आईपीओ में 17.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 3 अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) जुटाना चाह रही है। यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। यह दो साल पहले आए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को भी पीछे छोड़ देगा।

तीनों कंपनियां बढ़ा रही अपना निवेश

रिपोर्ट के मुताबिक, ह्युंडै भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को विकसित करने के लिए लगभग 200 अरब रुपये खर्च कर रही है। इस बीच, टाटा मोटर्स FY2026 तक 10 मॉडल जोड़कर अपने ईवी पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है। महिंद्रा ने एसयूवी, साथ ही ईवी बनाने की क्षमता बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में 270 अरब रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। हालांकि मारुति सुजुकी वर्तमान में बैटरी से चलने वाली कोई कार नहीं बेचती है।

First Published : July 9, 2024 | 6:20 PM IST