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Tata Motors का EV में स्थानीयकरण पर जोर, पुर्जों की लागत में 15 प्रतिशत कटौती करने पर भी नजर

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सोहिनी दास   
Last Updated- June 07, 2023 | 10:40 PM IST

इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में भारतीय बाजार की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स (TML) वर्ष 2025 तक अपने ई-वाहनों का स्थानीयकरण बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक करने पर विचार कर रही है। साथ ही इसकी नजर पुर्जों की लागत में 15 प्रतिशत कटौती करने पर भी है। फर्म ने बुधवार को निवेशक प्रस्तुति में यह जानकारी दी।

यह अगले तीन से चार साल में हाई-वोल्टेज पुर्जों के 20 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं के साथ रणनीतिक गठजोड़ की योजना बना रही है और इसके पास गैर-ईवी पुर्जों के 600 से अधिक आपूर्तिकर्ता हैं। फिलहाल टीएमएल के स्थानीयकरण का स्तर टियर-1 आपूर्तिकर्ताओं की ओर से 70 प्रतिशत से कम है।

निवेशक दस्तावेज के अनुसार टीएमएल पहले ही अपने राजस्व के प्रतिशत के रूप में नकद लागत कम कर चुकी है, जो वित्त वर्ष 21 के 18 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 23 में 12 प्रतिशत रह गई है।

समूह ने पिछले सप्ताह गुजरात में भारत का पहला लिथियम आयन सेल विनिर्माण का बड़ा कारखाना स्थापित करने के लिए 13,000 करोड़ रुपये के निवेश की रूपरेखा तैयार की है। पहले चरण के दौरान इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता 20 गीगावॉट प्रति घंटा होगी।

ईवी सेल बैटरी विनिर्माण संयंत्र की स्थापना से तीसरे पक्ष के आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम हो जाएगी, जो ज्यादातर चीन से बाहर के हैं और यह संयंत्र कंपनी को आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधानों से भी बचाएगा।

जगुआर-लैंड रोवर इकाई के लिए ब्रिटेन में एक और ईवी बैटरी संयंत्र की योजना है। निवेशक दस्तावेज में कहा गया है कि गुजरात का संयंत्र पुराने सेल का पुन: उपयोग भी करेगा।

First Published : June 7, 2023 | 10:40 PM IST