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नया बिजनेस- कार रेस्टोरेशन सेवा, केंद्र सरकार से हो रही है बात, गौतम सिंघानिया ने लगाया पैसा

‘जिस तरह से कपड़ा उद्योग अधिक श्रम लागत वाले क्षेत्रों से भारत जैसे कम श्रम लागत वाले बाजारों में आ गया, हमारा मानना है कि कार रेस्टोरेशन भी इसी तरह का बाजार बन सकता है।

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अंजलि सिंह   
Last Updated- January 12, 2025 | 11:34 PM IST

रेमंड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गौतम सिंघानिया के निवेश वाली कार रेस्टोरेशन सेवा (पुरानी कारों की मरम्मत कर बिल्कुल नई जैसी बनाने की सेवा) प्रदाता कंपनी सुपर कार क्लब गैराज (एससीसीजी) रेस्टोरेशन के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी विदेशी वाहनों का आयात करके उन्हें नया रूप देने और फिर उनका निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की कोशिश कर रही है। इस समय भारतीय नियमों के तहत केवल 1950 से पहले निर्मित कारों के आयात की ही अनुमति है जिससे अंतरराष्ट्रीय वाहनों को नया रंग-रूप देकर बहाल करना (रेस्टोरेशन कार्य) सीमित हो जाता है।

प्रस्तावित लाइसेंस के लिए सीमा शुल्क, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और वित्त मंत्रालय समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ तालमेल की जरूरत है। लाइसेंस का उद्देश्य भारत को अधिक गुणवत्ता और किफायती लागत वाले कार रेस्टोरेशन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। भारत के पास प्रतिस्पर्धी श्रम लागत के साथ-साथ कुशल श्रम का भी फायदा है। एससीसीजी ने दावा किया कि भारत में श्रम लागत ब्रिटेन जैसे देशों की तुलना में काफी कम है, जहां रिस्टोरेशन की लागत प्रति घंटे 100 से 200 पौंड से ज्यादा हो सकती है।

गौतम सिंघानिया ने कहा, ‘जिस तरह से कपड़ा उद्योग अधिक श्रम लागत वाले क्षेत्रों से भारत जैसे कम श्रम लागत वाले बाजारों में आ गया, हमारा मानना है कि कार रेस्टोरेशन भी इसी तरह का बाजार बन सकता है। जरूरी परमिट के साथ हम न्यूनतम श्रम लागत के फायदा उठाकर भारत में अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेशन परियोजनाओं को आकर्षित कर सकते हैं।’ एससीसीजी को आवश्यक अनुमति मिल जाने की उम्मीद है। मंजूरी का पहला चरण सफल रहा है और कंपनी अब अंतिम लाइसेंसिंग के लिए सरकार की खास जरूरतों पर ध्यान दे रही है।

 

First Published : January 12, 2025 | 10:53 PM IST