मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल), टाटा मोटर्स, किया इंडिया और हीरो मोटोकॉर्प जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों ने लगातार कीमत वृद्धि की है, भले ही जिंस कीमतों में पिछले कुछ महीनों से नरमी आई है।
एमएसआईएल ने घोषणा की है कि उसने अपने मॉडलों की कीमतें सोमवार से 1.1 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं। बढ़ते लागत दबाव, ऊंची मुद्रास्फीति और ताजा नियामकीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपने वाहनों के दाम बढ़ाने की घोषणा की है।
पिछले साल 31 मार्च और इस साल 13 जनवरी के बीच एल्युमीनियम, तांबा, और टिन जैसे कच्चे माल की कीमतें लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर 28.3 प्रतिशत, 11.9 प्रतिशत, और 35.5 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। ह्युंडै मोटर इंडिया ने 15 दिसंबर को कहा था कि वह जनवरी से अपने मॉडलों की कीमतें बढ़ाएगी, क्योंकि उत्पादन लागत में इजाफा हुआ है।
ऊंचे लागत दबाव की वजह से हीरो मोटोकॉर्प ने अपनी मोटरसाइकिलों और स्कूटरों की कीमतों में 1 दिसंबर से 1,500 रुपये तक का इजाफा किया है। किया इंडिया ने अपने मॉडलों की कीमतें जनवरी में 1 लाख रुपये तक बढ़ाई हैं।
रिलायंस सिक्योरिटीज में शोध प्रमुख मितुल शाह का कहना है कि वाहन कंपनियों द्वारा ताजा कीमत वृद्धि पिछली कम वसूली की भरपाई करने के लिए है, क्योंकि शुरू में कीमत वृद्धि लागत वृद्धि के लिहाज से उचित नहीं थी।
शाह ने कहा, ‘स्थिर जिंस लागत को देखते हुए, आगामी महीनों में कीमत वृद्धि ऊंची ऊर्जा लागत और अन्य मुद्रास्फीति लागत दबाव की भरपाई करने के लिहाज से काफी कम होगी। 2023 में कीमत वृद्धि की रफ्तार पिछले दो साल के मुकाबले काफी कम रहेगी।’
एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक (मोबिलिटी) पुनीत गुप्ता का कहना है कि वाहन कंपनियों द्वारा ताजा लागत वृद्धि मुख्य तौर पर आरडीई मानक जैसे नियामकीय बदलावों की वजह से दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, ‘लागत वृद्धि खासकर डीजल वाहनों को अपग्रेड किए जाने से भी जुड़ी हुई है। पेट्रोल वाहनों पर, कीमत वृद्धि करीब 20,000 रुपये रहने की संभावना है। डीजल वाहनों पर कीमत वृद्धि 65,000-70,000 रुपये के आसपास है। इसलिए, मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) पर इसका कुछ असर दिखेगा। ’
उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में 2024 के मध्य तक अन्य 10 प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है। गुप्ता ने कहा, ‘भारतीय उपभोक्ता कीमत को लेकर सतर्क हैं। 2023 की दूसरी छमाही तक कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए छूट की पेशकश कर
सकती हैं।’
आरडीई (रियल ड्राइविंग एमीसन) के तहत वाहन कंपनियों को सही तरीके से उत्सर्जन की निगरानी के लिए अपने मॉडलों में सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस लगाने होंगे और यह कार्य इस साल अप्रैल से शुरू हो जाएगा। वाहन कंपनियों को ये डिवाइस लाने के लिए अपने मॉडलों को अपडेट करने पर बड़ी लागत का बोझ सहन करना होगा।
देश की सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने दिसंबर के मध्य में कहा था कि वह जनवरी 2023 से 2 प्रतिशत की कीमत वृद्धि करेगी।
इस बीच, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने 6 महीने पहले पेश किए गए अपने स्कॉर्पियोएन एसयूवी के लिए 1 लाख रुपये तक की कीमत वृद्धि की घोषणा की है। यह कीमत वृद्धि 15,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये के बीच होगी।