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सरकार ने भारी उद्योग मंत्रालय के बैटरी सुरक्षा परीक्षण के तहत अनिवार्य प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी है। बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्रोत्साहन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए 1 अप्रैल, 2023 से ईवी विनिर्माताओं के लिए यह प्रमाणन अनिवार्य था।
भारी उद्योग मंत्रालय की नवंबर 2022 की उस अधिसूचना के तहत विभिन्न खंडों में सभी वाहन विनिर्माताओं द्वारा प्रमाण-पत्र हासिल करने में विफल रहने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है, जिसका उद्देश्य ईवी में उपयोग की जाने वाली बैटरी को तीन स्तरों – सेल, बैटरी प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) और बैटरी पैक की जांच की जरूरत को मानव संबंधी सुरक्षा के मद्देनजर बढ़ाना था।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि समय सीमा में विस्तार करने के लिए उद्योग की मांग के बाद मंत्रालय ने 1 अक्टूबर, 2023 तक विस्तार दिया है।
पिछले साल इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की कई घटनाओं के बाद भारी उद्योग मंत्रालय ने इन नए परीक्षण मापदंडों को भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (और हाइब्रिड) के तेजी से इस्तेमाल और विनिर्माण योजना (फेम-2) तथा वाहनों, कलपुर्जों और उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) के तहत सरकारी प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अनिवार्य किया था।
इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरियों की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैटरी परीक्षण मानकों को रखा गया है। अलबत्ता उद्योग के संगठनों ने चिंता जताई है कि कुछ जरूरी परीक्षण बहुत कड़े हैं और उनका कार्यान्वयन करना मुश्किल है।
ईवी उद्योग के प्रतिनिधियों ने सरकार से मौजूदा परीक्षण मानकों को संशोधित करने का आग्रह किया है क्योंकि उद्योग पहले से ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के तहत जारी नए एआईएस 038 और एआईएस 156 ईवी बैटरी सुरक्षा मानकों के अनुपालन की चुनौती का सामना कर रहा है।