वर्ष 2023 यात्री वाहनों की बिक्री के लिहाज से उद्योग के लिए शानदार रहा। इस दौरान रिकॉर्ड 41 लाख यात्री वाहनों की बिक्री हुई मगर नए साल की शुरुआत भारी संख्या में अनबिके स्टॉक के साथ हुई है। जनवरी 2024 में वाहन डीलरों के पास पिछले साल जनवरी की तुलना में 75 फीसदी ज्यादा अनबिके वाहन हैं।
वाहन डीलरों का संगठन फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि नए साल की शुरुआत उच्च इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई है। उन्होंने कहा, ‘शीर्ष 5 वाहन विनिर्माताओं के डीलरों के पास दिसंबर 2023 में 5,94,469 अनबिके यात्री वाहन थे। यात्री वाहन उद्योग में कुल मिलाकर करीब 7 लाख या इससे ज्यादा अनबिके वाहन पड़े हैं। इसमें 1 जनवरी, 2024 के शुरुआती स्टॉक को शामिल नहीं किया गया है, जो अतिरिक्त 50,000 से 60,000 वाहन हो सकते हैं।’
सिंघानिया ने कहा कि पिछले साल की शुरुआत से तुलना करें तो उस समय शीर्ष 5 वाहन विनिर्माताओं के डीलरों के पास 3,34,000 वाहनों का स्टॉक था। उद्योग स्तर पर कुल इन्वेंट्री करीब 3,98,000 वाहनों की थी, जो 2024 की शुरुआत से करीब 75 फीसदी कम है। सिंघानिया ने स्पष्ट किया कि फाडा ने तेलंगाना (वाहन पोर्टल पर इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं) के इन्वेंट्री को भी देश भर के इन्वेंट्री लेवल में शामिल किया है।
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2022 में सेमीकंडक्टर की किल्लत के कारण उत्पादन प्रभावित होने की वजह से भी पिछले साल डीलरों के पास कम इन्वेंट्री थी। सिंघानिया ने कहा कि 2023 की शुरुआत में ग्राहकों को कुछ चुनिंदा कारें खरीदने के लिए दो साल तक का इंतजार (वेटिंग अवधि) करना पड़ता था, जो अब घटकर 3 से 4 महीना रह गया है। इससे संकेत मिलता है कि उत्पादन में इजाफा हुआ है और टाली गई मांग अब लगभग खत्म हो गई है।
डीलरों को लगता है कि अग उत्पादन पर अब नए सिरे से योजना बनाने की जरूरत है ताकि ज्यादा मांग वाली कारों पर ही जोर दिया जाए। एक डीलर ने कहा, ‘आम तौर पर वाहन विनिर्माता दिसंबर में अपने कारखाने में पड़े सभी वाहनों को थोक बिक्री में दिखाते हैं, जिससे इन्वेंट्री ज्यादा दिखती है। हालांकि आने वाले महीनों में स्थिति में सुधार हो सकती है।’
मारुति सुजूकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि वाहनों की आपूर्ति में कमी के कारण ग्राहकों की जो मांग थी वह पिछले हफ्ते लगभग खत्म हो गई और 2024 में ताजा मांग आने से बिक्री को दम मिलेगा।
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वैसे भी जनवरी में खरमास (16 दिसंबर से 15 जनवरी) के दौरान वाहनों की मांग नरम रहती है। दिसंबर में कुल वाहनों की खुदरा बिक्री 21 फीसदी बढ़ी थी। इनमें से दोपहिया की बिक्री 28 फीसदी, यात्री कारों की 3 फीसदी, तिपहिया की 36 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 1.3 फीसदी बढ़ी थी।
फाडा के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 11 फीसदी बढ़ी थी, जिसमें दोपहिया की बिक्री 9.5 फीसदी, यात्री कारों की 11 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 8 फीसदी का इजाफा हुआ था।
दोपहिया वाहनों का इन्वेंट्री अनुकूल स्तर पर है। शादी-विवाह का सीजन और किसानों को उनकी उपज के दाम मिलने से दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी है।