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पुरानी मर्सिडीज या पोर्श खरीदेंगे!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 8:04 PM IST

मंदी के इस दौर में भी सेकंड हैंड कारों और एसयूवी का बाजार मजबूती से टिका हुआ है। इसी मजबूती को देखते हुए महंगी कारों के निर्माता भी इस बाजार में अपने हाथों को आजमाने के लिए बेकरार हैं।
डेमलर बेन (मर्सिडीज ब्रांड के मालिक), बीएमडब्ल्यू और पोर्श साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरुआत में पुरानी कारों के बाजार में उतरने की योजना बना रही हैं। साथ ही, वे ग्राहकों तक अपनी पहुंच को भी बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि सेकंड हैंड लग्जरी कारों का बाजार ज्यादा बड़ा तो नहीं है, लेकिन इसकी विकास दर नई लग्जरी कारों के बाजार की विकास दर से भी ज्यादा है।
मर्सिडीज बेन के डीलर संघी मोटरकार कंपनी के निदेशक अश्विन संघी का कहना है कि, ‘पुरानी लग्जरी कारों का बाजार तेजी से बढ़ता हुआ सेगमेंट है। यहां मांग छोटी कारों के मालिकों से लेकर प्रीमियम सेडान मालिकों तक से आती है। इन कारों की मांग पर मंदी का कोई असर नहीं पड़ा है।’
आंकड़ों की मानें तो अगर 100 लग्जरी कारें बिकती हैं, तो उनकी वजह से 15-20 पुरानी लग्जरी कारों की मांग पैदा होती है। हालांकि, नई कारों की मांग में पुरानी कारों की मांग के मुकाबले धीमा इजाफा हो रहा है। पुरानी लग्जरी कारों की मांग पिछले दो सालों में दोगुनी हो चुकी है।
अगर असंगठित सेक्टर को भी इसमें शामिल कर लें तो विकास की यह रफ्तार और भी तेज हो जाती है। आज भी 80 फीसदी पुरानी कारें असंगठित सेक्टर के जरिये ही बिकती हैं। पोर्श इंडिया ने इस साल 200 नई कारों को बेचने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, इसकी पुरानी कारों की बिक्री का लक्ष्य और भी ज्यादा है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक रोड वॉलेस का कहना है कि, ‘हमारा मकसद लोगों को एक पोर्श अपनाने का मौका दिलवाना है। हम अब तक 600-700 कारों को बेच चुके हैं। ऐसे लोगों की कतई कमी नहीं है, जो एक पोर्श  खरीदना चाहते हैं। हमारी पुरानी कारों की बिक्री की योजना उनके लिए काफी मददगार साबित होगी।’
कंपनी ने इस साल के अंत तक सेकंड हैंड कारों के बाजार में उतरने की योजना बनाई है। इसने अपने डीलरों की तादाद को मौजूदा दो से बढ़ाकर 11 करने की योजना बनाई है। इसी तरह, बीएमडब्ल्यू भी पुरानी कारों के सेगमेंट में अगले साल के अंत तक उतरने वाली है। कंपनी के ब्रांड की भारत में अच्छी-खासी धाक है।
बीएमडब्ल्यू इंडिया के मुखिया पीटर क्रोन्श्चबेल का कहना है कि, ‘यहां बीएमडब्ल्यू की मांग को देखते हुए हम अगले साल तक पुरानी कारों के बाजार में उतरेंगे। बिक्री से पहले हमारी कारों को अच्छी तरह से चेक किया जाएगा और उनकी अच्छी सर्विस भी की जाएगी।’
विश्लेषकों के मुताबिक जिस रफ्तार से पुरानी कारों का बाजार बढ़ता जा रहा है, ये अगले कुछ सालों में नई कारों के बाजार को भी पीछे छोड़ देगा। डेमलर को इस बात का पूरा अहसास है कि पुरानी कारों के मालिकों की असल चिंता कारों के मेंटेनेंस और कल-पुर्जों की कीमत को लेकर होती है। इसीलिए हाल के सालों में डेमलर ने अपने कल-पुर्जों की कीमतों में काफी कटौती की है।
डीलरों के पास कारों को नियमित तौर पर सर्विसिंग के लिए ले जाने वाले मौजूदा ग्राहक, चाहें तो उस कार को वापस उन्हीं डीलरों को बेच सकते हैं। बीएमडब्ल्यू ने इस वित्त वर्ष में 2,316 कारें बेची हैं, जबकि मर्सिडीज ने 2,474।

First Published : March 14, 2009 | 1:46 PM IST