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बुजुर्गों की देखभाल में तकनीक का साथ, Dozee और KITES जैसे स्टार्टअप्स बदल रहे जिंदगी

डोजी एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी है जो एआई आधारित कहीं से भी मरीज की निगरानी की सुविधा देती है और इससे आपात स्थिति में मरीज के परिजनों को चेतावनी संदेश भी भेजा जाता है।

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पीरज़ादा अबरार   
सोहिनी दास   
शिवानी शिंदे   
Last Updated- December 25, 2024 | 10:52 PM IST

भारत की बढ़ती आबादी के साथ परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए बुजुर्गों की देखभाल जरूरी होती जा रही है। इसने नए कारोबारों को भी जन्म दिया है। अब ऐसी स्टार्टअप भी आ गई हैं जो नवाचार आधारित समाधान की पेशकश करती हैं, जिससे कहीं से भी घर के बुजुर्गों की देखभाल हो सकती है। यह खासकर उन लोगों के लिए सही है जो अपने माता-पिता से काफी दूर रहते हैं। इसका एक उदाहरण डोजी है। डोजी एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी है जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित कहीं से भी मरीज की निगरानी की सुविधा देती है और इससे आपात स्थिति में मरीज के परिजनों को चेतावनी संदेश भी भेजा जाता है।

बेंगलूरु की इस फर्म ने हाल ही में श्रवण पेश किया है। यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके जरिये बुजुर्ग माता-पिता से काफी दूर रहने वाले उनके बच्चे उनकी हृदय गति, रक्तचाप और नींद की स्थिति जैसी जरूरी बातों की निगरानी कर सकते हैं। इस आंकड़े को परिवारों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ एक मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिये साझा किया जाता है और इसे कभी भी देखा जा सकता है।

श्रवण रियल टाइम अलर्ट जारी करते हुए परिवारों और यहां तक कि विदेश में रह रहे लोगों को भी अपने माता-पिता की सेहत और चिकित्सा जरूरतों की जानकारी रखने में मदद करता है।

डोजी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी मुदित दंडवते ने कहा कि सेहत की निगरानी रखने के पारंपरिक तरीकों से अक्सर बीमारी की वास्तविक जानकारी मिल पाती है मगर समय पर बीमारी का पता लगाने के लिए रियल टाइम डेटा आवश्यक होता है।

कभी-कभी कराई जाने वाली स्वास्थ्य जांच, नाते-रिश्तेदारों से मिलने वाली मदद और सीमित टेलीमेडिसिन जैसी मौजूदा व्यवस्थाओं से कुछ हद तक ही मदद मिल पाती है और आपात स्थितियों में ऐसी सुविधाएं आम तौर पर नाकाफी साबित होती हैं।

नतीजतन, बहुत देर हो जाने तक जिस बीमारी का इलाज किया जा सकता था उसे भी नजरअंदाज कर दिया जाता है। 40 से अधिक जिलों के 200 से अधिक अस्पतालों में मौजूद डोजी सेहत में खराबी आने का जल्द पता लगाने और और समय पर चिकित्सा जरूरतों का पता लगने के जरिये इस अंतर को पाटने की कोशिश करती है। व्यक्तिगत उत्पादों के अलावा बुजुर्गों की देखभाल भी एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।

काइट्स सीनियर केयर जैसे संगठन एक परिचित, घर जैसी व्यवस्था में बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल और सहायता देने पर ध्यान दे रहे हैं। इससे बड़ी उम्र के लोगों को उनकी जरूरतों के मुताबिक मदद की जाती है। कोलंबिया पैसिफिक कम्युनिटी और काइट्स सीनियर केयर के मुख्य कार्य अधिकारी राजगोपाल जी ने कहा कि अब परिवारों ने भी वृद्धाश्रम के बजाय अपने माता-पिता के लिए ऐसी जरूरतों पर ध्यान देना पसंद कर रहे हैं।

काइट्स ने अस्पताल के इतर श्रेणी में 6,500 से अधिक बुजुर्गों और 2,400 से अधिक वरिष्ठ लोगों की रिटायरमेंट होम्स के जरिये सेवा की है। राजगोपाल बताते हैं, ‘कई बुजुर्ग तबके के लोग स्वास्थ्य देखभाल परामर्श, सेहत की निगरानी और परिवारों से संपर्क के लिए डिजिटल उपकरणों के साथ काफी सहज भी हो रहे हैं। काइट्स में हम उन्हें इन प्रौद्योगिकियों को समझाने में मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि इससे वे अभिभूत होने के बजाय उनमें आत्मविश्वास आए।’

First Published : December 25, 2024 | 10:49 PM IST