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विषाणु रोधी परिधान बनाएंगी कंपनियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:29 AM IST

कोविड-19 महामारी कमजोर पडऩे के बीच अब इसकी रोकथाम के उपाय करने के प्रयास तेज हो गए हैं। संक्रमण से बचाव के लिए हाथ की सफाई से लेकर लिबास और फर्श आदि साफ-सुथरा रखने पर अधिक से अधिक जोर दिया जा रहा है। विषाणु रोधी परिधान और सूक्ष्मजीवों की रोकथाम से जुड़े उत्पाद बनाने वाले बाजार की जरूरतें पूरा करने करने के लिए देश के बड़े परिधान ब्रांड जैसे रिलायंस, अरविंद, आदित्य बिड़ला, डोनियर ग्रुप, रेमंड, सियाराम आदि बाजार में कूद चुके हैं। माना जा रहा है कि ऐसे उत्पादों का बाजार वैश्विक स्तर पर 20.5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
कंपनियों ने इस मुहिम की शुरुआत दोबारा इस्तेमाल होने वाले मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के साथ की है और अब वे कई तरह के पीपीई परिधान, फैशन और आम तौर पर पहने जाने वाले (कैजुअल) परिधानों की पेशकश करने लगी हैं। शोध से यह बात सामने आई है कि वायरस (विषाणु)और बैक्टीरिया (जीवाणु) परिधानों की सतह पर दो दिन तक सक्रिय रह सकते हैं।
पुरुषों के परिधान बनाने वाले ब्रांड पीटर इंगलैंड ने भारत में हीक वायरोब्लॉक फैब्रिक तकनकीक लाने के लिए स्विटजरलैंड की कंपनी हीक के साथ समझौता किया है। इस तकनीक के तहत पीटर इंगलैंड कार्य स्थल पर पहनने वाले लिबास (वर्क वियर), (आरामदायक लिबास) लॉन्जवियर और फेस मास्क उतारने जा रहा है। विषाणु रोधी परिधानों की कीमत 1,800 से शुरू हो जाएगी। पीटर इंगलैंड 8,743 करोड़ रुपये वाली आदित्य बिड़ला फैशल ऐंड रिटेल लिमिटेड का ब्रांड है।
अरविंद लिमिटेड भी विषाणु रोधी शर्ट-पैंट, तैयार परिधान (रेडीमेड गारमेंट्स) और फेस मास्क बनाना शुरू करेगी। कंपनी ने ताइवान की रसायन कंपनी जिंटेक्स कॉर्पोरेशन के साथ स्विटजरलैंड की टेक्सटाइल इन्नोवेशन कंपनी हीक मटीरियल्स एजी के साथ समझौता किया है। इनके सहयोग से अरविंद लिमिटेड भारत में विषाणु रोधी तकनीक की शुरुआत करेगी। कंपनी हाल में ही शुरू  हुई विषाणु रोधी वस्त्र तकनीक का इस्तेमाल कर भारत में इंटेलीफैब्रिक्स ब्रांड के तहत ये परिधान बाजार में उतारेगी।
हीक ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी कार्लो सेंटोंज ने कहा, ‘हीक वायरोब्लॉक हमारे एडवान्स्ड सिल्वर और वेसिकल टेक्रॉलॉजी का विशेष मिश्रण हैं, जो कोविड-19 का कारण बनने वाले मानव कोरोनावायरस 229ई और सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ असरदार रहा है। इस तकनीक से 30 मिनट में वायरस 99.99 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं।’ अरविंद लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक कुलीन लालभाई ने एक साक्षात्कार में कहा कि शुरू में ये उत्पादन अरविंद इंटेलीफैब्रिक्स के नाम से बाजार में आएंगे, लेकिन बाद में कंपनी अपने पोर्टफोलियो में इसे दूसरे उपभोक्ता ब्रांडों के तहत भी उतारेगी। अरविंद ऐरो, यूएस पोलो एसोसिएशन और फ्लाइंग मशीन सहित कई दूसरे ब्रांड के तहत परिधानों का कारोबार करती है। डोनियर ग्रुप कंपनीज ने विषाणु रोधी शर्ट सिक्योरो बाजार में लाने के लिए पुरुषों के परिधान बनाने वाले ब्रांड जोडियाक के साथ समझौता किया है। डोनियर ने एक्टिव वियर सहित विभन्न परिधान खंडों में उत्पाद उतार चुकी है। कंपनी का दावा है कि सिक्योरो में इस्तेमाल तकनीक 2 से 5 मिनट में 99.997 प्रतिशत तक विषाणु मार देती है। शर्ट के इस कपड़े की कीमत 250 रुपये प्रति मीटर से शुरू होती है। पॉलिविस्कोस और थोड़े महंगे वूल ब्लेंड्स के लिए कीमत 400 रुपये प्रति मीटर से शुरू होती है।
डोनियर ग्रुप के प्रबंध निदेशक राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में ऐसे परिधानों की मांग बढ़ गई है। अग्रवाल ने कहा कि सामान्य परिधानों के मुकाबले इनकी कीमत 10 से 15 प्रतिशत अधिक होगी। उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि सुरक्षा के लिहाज से बने ये परिधान  अगले एक से दो वर्षों में पूरे परिधान उद्योग में अपनी पैठ बना लेंगे।’ कंपनी ने जून में कुल जितने परिधान भेजे हैं, उनमें विषाणु रोधी उत्पादों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रही है। कंपनी को लगता है कि अगले 12 महीनों में यह खंड करीब 100 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जो उसके कुल राजस्व का 15 प्रतिशत होगा। रेमंड ने कहा कि सभी तरह के सूट एवं मास्क सहित वह पीपीई उत्पाद बनाने के लिए बेंगलूरु में अपनी परिधान विनिर्माण फैक्टरियों का इस्तेमाल कर रही है। कंपनी फिलहाल पीपीई और मास्ककी आपूर्ति सरकार, कंपनियों और अस्पतालों को आपूर्ति कर रही है। देश की एक अन्य जानी-मानी परिधान कंपनी सियाराम भी विषाणु रोधी परिधान लेकर आई है।

First Published : July 22, 2020 | 11:06 PM IST