मुंबई में आतंकी हमलों के कारण शुक्रवार को भी दिल्ली के बाजार में कारोबार में 50 फीसदी तक गिरावट रही।
दुकानें खुली रहीं लेकिन दुकानदार एवं ग्राहक दोनों ही कारोबार की जगह आतंकवाद एवं बाजार की सुरक्षा को लेकर चर्चा में मशगूल नजर आए। आतंकियों के निशाने पर होने के बावजूद दिल्ली के प्रमुख बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था की भारी कमी देखी गयी।
बताया जा रहा है कि दिल्ली के पुलिसकर्मियों को चुनाव डयूटी में तैनात कर दिया गया है। इसलिए बाजारों से पुलिसकर्मी गायब हैं। 29 नवंबर यानी कि शनिवार को दिल्ली में विधान सभा का चुनाव है।
इधर कनफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स के सदस्यों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मिलने का फैसला किया है। व्यापारी प्रशासन से पिस्तौल का लाइसेंस देने की मांग करने वाले हैं।
सदर बाजार, चांदनी चौक, करोल बाग, साउथ एक्स, सरोजनी नगर, कश्मीरी गेट, गांधी विहार, खारी बावली जैसे सभी प्रमुख बाजारों में शुक्रवार को भी ग्राहकों की संख्या आधी रही। बाजार में आसपास के शहरों से आने वाले ग्राहकों की संख्या नगण्य रही।
सदर बाजार के कारोबारी विपिन जैन ने बताया कि दिल्ली में भी मुंबई की तरह कई बार बम विस्फोट जैसी वारदात हो चुकी है। लिहाजा देश के किसी भी हिस्से में बम विस्फोट या आतंकी हमले जैसी वारदात होने पर यहां के बाजारों से बाहरी ग्राहक गायब हो जाते हैं।
कनफेडरेशन के महासचिव देवराज बवेजा ने बताया कि सदर बाजार के सभी दुकानदारों को सुरक्षा के लिए एक-एक लाठी देने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि दो दिनों से मुंबई में आतंकियों के हमले जारी है लेकिन दिल्ली के बाजारों में प्रशासन की तरफ से सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
आलम यह है कि जो पुलिसकर्मी पहले बाजार में गश्त करते नजर आते थे वे भी पिछले दो दिनों से गायब है। खारी बावली के कारोबारी जयकुमार गुप्ता कहते हैं कि पिछले दो दिनों से हर व्यापारी दहशत में हैं। बाजार टूट रहा है। लेकिन सरकार की तरफ से लोगों में भरोसा पैदा करने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है।
सदर बाजार में 40 सालों से व्यापार कर रहे एवं कनफेडरेशन के संस्थापक सदस्य वृजमोहन विग कहते हैं, ‘हर पखवाड़े देश के किसी न किसी हिस्से में आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। कभी दिल्ली, कभी मुंबई तो कभी गुजरात में। ऐसे में बड़े बाजारों से लेकर छोटे बाजार तक प्रभावित होते हैं।’
दिल्ली किराना कमेटी के पदाधिकारी ललित गुप्ता कहते हैं इस प्रकार के आतंकी हमलों के बाद कम से कम चार-पांच दिनों के लिए कारोबार में 25-40 फीसदी तक की गिरावट आ जाती है और इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
शहीदों को सलाम
महाराष्ट्र कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक काम्टे को श्रध्दांजलि देने के लिए शोलापुर जिला आज बंद रहा।
काम्टे मेट्रो सिनेमा के नजदीक आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गए। कामा प्लेस के नजदीक में अभियान के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने विशेष रूप से उन्हें बुलाया था जहां आतंकवादियों से लड़ते हुए वह मुठभेड़ विशेषज्ञ विजय सालस्कर के साथ मारे गए।
मुंबई पुलिस के उपायुक्त काम्टे राज्य पुलिस के प्रमुख अधिकारी थे। आतंकवादी हमलों के दौरान शहीद पुलिस कांस्टेबल अरुण चिट्टे की अंत्योष्टि नासिक के वीरगांव शवदाह गृह में कर दी गई। 38 वर्षीय शहीद कांस्टेबल के शव को कल रात लगभग आठ बजे वीरगांव लाया गया था।
आम तौर पर शांत स्वाभाव का समझा जाने वाला व्यापारी समुदाय मुंबई पर हुए हमले से बुरी तरह से आहत हुआ है।
दरअसल कारोबारियों की सबसे बड़ी चिंता अपने व्यापार को किसी भी तरह की क्षति से सुरक्षित रखने की होती है। हाल के दिनों में हुए आतंकी हमलों के बाद कुछ ऐसी ही चिंताएं उभर का सामने आई थीं।
दिल्ली में बम विस्फोट दिवाली से ठीक पहले हुए थे और सबकी चिंता कारोबार पर पड़ने वाले असर को लेकर थी।
लेकिन इस बार मामला अलग है। इस बार हमला कारोबार या रोजी-रोटी पर नहीं हुआ है। यह हर एक हिंदुस्तानी और पूरे देश की अस्मिता पर हमला है।
कानपुर स्थित सिंघल रोडवेज के प्रबंधक मनीष सिंघल ने बिजनेस स्टेंडर्ड को बताया कि ‘बात कारोबार या घाटे और मुनाफे की नहीं है। जब घर की इात पर हमला हो तो वहां कारोबार के नियम नहीं चलते हैं। आखिर हम कब तक ये सब देखते रहेंगे। आतंकवाद के खिलाफ कानपुर का व्यापारी पूरी तरह से लामबंद है और सरकार को हमसे जैसी मदद की जरुरत हो हम देने के लिए तैयार हैं।’
कन्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि ‘आए दिन हो रही आंतकवादी घटनाओं से आम आदमी और कारोबारी परेशान थे ही। लेकिन मुंबई में हुए हमले ने तो पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर तमाचा जड़ दिया है।
ऐसे में सुरक्षा को लेकर आम आदमी के मन में सरकार के प्रति गुस्सा भरता जा रहा है।’ उन्होंने आगे बताया कि अब हमें ऐसे कानूनों की जरूरत है जिससे आंतक फैलाने वालों के मन में सजा का भय बैठ जाए, क्योंकि अभी तक आंतकवादियों को ऐसी सख्त सजा नहीं मिली है जो दूसरे आंतकवादियों के लिए सबक बन सकें।
पटना में ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रेम शंकर टंडन ने बताया कि ‘इसमें कोई शक नहीं कि इन आतंकवादी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है।
पाकिस्तान में किसी उद्योग का विकास तो हो नहीं रहा है इसलिए वहां सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद का ही उद्योग फल-फूल रहा है।
यह कतई संभव नहीं है कि जिस तरह अमेरिका ने 911 की घटना के बाद आफगानिस्तान पर हमला कर हमेशा के लिए अपने देश से आतंकवाद को अलविदा कह दिया है उसी तरह भारत भी कोई कदम उठाए क्योंकि उससे हमारा भी नुकसान होगा।
इसलिए भारत सरकार को ऐसी परिस्थिति में चाहिए कि वे अपनी सुरक्षा तंत्र को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करे और उसमें किसी तरह की कमजोरी न आने दें।
देश भर में सुरक्षा कड़ी
हमले के बाद दिल्ली सहित देश भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस तथा गुप्तचर एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मी नजर रखे हुए हैं।
अब मिलेगी बेहतर जैकेट
सरकार सुरक्षाकर्मियों को अधिक सुरक्षित बुलेटप्रूफ जैकेट देने पर सहमत हो गई है। इसे मिलने में एक साल लग सकता है। नया जैकेट हर प्रकार की गोली को रोकने में सक्षम होगा।
युद्धचे और सत्व परीक्षा
शिव सेना के मुखपृष्ठ ‘सामना’ ने आतंकवादी हमले का शीर्षक ‘ युध्दचे’ :यह युध्द ही है: दिया है। ‘सकाल’ ने आतंकवाद से मुकाबले को ‘सत्व परीक्षा’:सत्य तत्व परीक्षा: करार दिया। लोकसत्ता का शीर्षक ‘थरार’ (रोंगटे खड़े कर देने वाला) था।
शुरू हो गई राजनीति
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि खुफिया एजेंसियों की ऊर्जा ‘हिन्दू आतंक’ को ढूंढने में खपा देने के कारण मुंबई में हुए फिदाईन हमले के षडयंत्र को भांपा नहीं जा सका।
बिहार देगा आर्थिक सहायता
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुंबई आतंकी हमले में मारे गए बिहार के प्रत्येक व्यक्ति के आश्रित को डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की की घोषणा की है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।