पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि पंजाब सरकार व्यापारियों और उद्योगपतियों के खिलाफ वित्त वर्ष 2015, वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2017 से संबंधित मूल्य वर्धित कर (वैट) के कुल लंबित 48,000 मामलों में से 40,000 मामलों को समाप्त कर देगी।
शेष 8,000 मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार संबंधित व्यापारियों और उद्योगपतियों को कुल बकाया कर देयता का केवल 30 फीसदी जमा कराने के लिए कहेगी। कर देयता का पांचवा हिस्सा चालू वित्त वर्ष में जमा कराना होगा जबकि शेष रकम का भुगतान अगले वर्ष करना होगा।
चन्नी ने चौथे प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट में कहा, ‘उद्योग के अनुकूल यह पहल काफी हद तक निवेशकों को बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए उनका मनोबल बढ़ाएगी। राज्य सरकार उद्योग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए एक सूत्रधार के तौर पर काम करेगी।’
राज्य सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और वैट के लिए फेसलेस आकलन की भी अनुमति दी है। ऐसा होने से अब व्यापारियों और उद्योगपतियों को कर अधिकारियों के समक्ष भौतिक रूप से उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 15 नवंबर को लुधियाना में नए हवाईअड्डे की नींव रखी जाएगी जो आठ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी।