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मनाली और लेह जुड़ेंगे अब रेल लिंक से

Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

हिमाचल प्रदेश के मनाली से जम्मू-कश्मीर के लेह को रेल लाइन से जोड़ने की योजना है।

रेलमंत्रालय ने पहाड़ों के बीच से गुजरने वाली 480 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह रेल लाइन बिछाने के लिए प्रारूप तैयार कर लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य इन पहाड़ी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके अलावा इससे तिब्बत में चीन के विस्तार का भी मुकाबला किया जा सकेगा।



विशेषज्ञों के मुताबिक इस परियोजना पर तकरीबन 16,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और मंत्रालय इस परियोजना के लिए विस्तृत सर्वे प्लान की तैयारी पहले ही शुरू कर चुका है।

इस सर्वे पर चर्चा करने और परियोजना से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए दिल्ली में हाल ही में एक उच्चस्तरीय सरकारी बैठक हुई थी। सर्वे प्लान के मुताबिक इस रेलमार्ग की दूरी तकरीबन 10 घंटे में पूरी की जा सकेगी।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रस्तावित मनाली-लेह रेल लाइन के लिए विस्तृत सर्वे प्लान तैयार कर लिया गया है और अब इसे रेलवे बोर्ड की स्वीकृति मिलने का इंतजार है।

सर्वे पर आने वाले खर्च का वहन हिमाचल प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिल कर वहन करेंगी।’

प्लान के मुताबिक मंडी होते हुए जोगिन्दरनगर और मनाली के बीच ब्रॉडगेज रेल पटरी बिछाई जाएगी और इसके बाद इसे रोहतांग दर्रा होते हुए लेह तक बढ़ाया जाएगा।

इस रेल लाइन के निर्माण को लेकर कुछ सुरक्षा चिंताएं भी पैदा हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बताया, ‘चीन द्वारा पेइचिंग-ल्हासा रेल लाइन बिछाया जाना भी सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भारत के लिए मनाली-लेह रेलमार्ग तैयार करना महत्त्वपूर्ण है।’

प्रस्तावित रेल परियोजना भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण है। विश्लेषकों का मानना है कि यह रेलवे लाइन मौसम के हालात के लिहाज से भी परिवहन के लिए महत्त्वपूर्ण होगी।


 फिलहाल सीमांत इलाकों के लोगों को आवागमन के लिए सड़क या वायु यातायात पर निर्भर रहना पड़ता है जिसमें खराब मौसम के दौरान उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

यह रेल मार्ग निश्चित रूप से भारत के लिए उस वक्त अहम होगा। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह मार्ग महत्त्वपूर्ण होगा। इसके अलावा प्रस्तावित परियोजना पर्यटन उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगी। पर्यटन उद्योग हिमाचल प्रदेश के राजस्व के प्रमुख स्रोतों में से एक रहा है।

धूमल ने कहा, ‘मैं हाल ही में लेह से लौटा हूं और इस परियोजना को लेकर मुझे लद्दाख के लोगों की बेहद शानदार प्रतिक्रिया मिली है। निजी क्षेत्र इस रेल पटरी को बिछाने में पहले से ही अपनी दिलचस्पी दिखा रहा है।’

इस रेल परियोजना से संबद्ध एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रेल लाइन को बिछाने का खर्च सामान्य रेल पटरी बिछाने की लागत की तुलना में दोगुना होगा। इस परियोजना के लिए वाहनों द्वारा निर्माण सामग्री और उपकरणों की ढुलाई बेहद खर्चीली होगी।

First Published - July 6, 2008 | 11:14 PM IST

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