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कहीं घाटे में न चली जाए महावितरण

Last Updated- December 08, 2022 | 5:40 AM IST

महाराष्ट्र में सरकारी स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी महावितरण भी मंदी की मार से अछूती नहीं रह सकी है।


आर्थिक मंदी के कारण औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र से होने वाली आय में भारी कमी हुई है और इसके साथ ही कंपनी के एक बार फिर घाटे में चले जाने की आशंका पैदा हो गई है।

महावितरण को वित्त वर्ष 2005-06 के दौरान पारेषण और वितरण (टीएडंडी) के तौर पर 33 प्रतिशत का घाटा हुआ था। हालांकि वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान कंपनी 107 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज करने में सफल रही।

हालांकि अब औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र से आमदनी घटने के कारण एक बार फिर घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है।

महावितरण केएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र की कुल आय में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह क्षेत्र आवासीय और कृषि क्षेत्र को क्रास सब्सिडी देने में भी मददगार है।

First Published - November 26, 2008 | 9:00 PM IST

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