चलो, परदेश से बुलावा आया है

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:45 AM IST

ऑस्ट्रेलिया में आजकल कामगार खोजे नहीं मिल रहे हैं। आलम यह है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया भारत से मजदूरों को बुलाने की तैयारी कर रहा है।


पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया प्रांत के प्रतिनिधियों ने भारत यात्रा के दौरान बताया कि ऑस्ट्रेलिया में मानव संसाधनों की कमी पूरी करने में भारत अहम भूमिका अदा कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया सरकार मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए हिंदुस्तानियों को आकर्षक पैकेज देने की घोषणा करने वाली है।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया प्रांत के व्यापार कार्यालय में क्षेत्रीय निदेशक सिमॉन जॉनसन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनके प्रांत में अगले 10  वर्षो के दौरान करीब 4 लाख नए लोगों की जरुरत होगी। इनमें से ज्यादातर रोजगार आतिथ्य सत्कार, निर्माण और मेडिकल क्षेत्र में मिलेंगे। ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक नवंबर तक देश में 1.83 लाख पद खाली थे और इस संख्या में प्रति वर्ष 15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि खासकर दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज हैं जो ऑस्ट्रेलिया में श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए आसानी से मानव संसाधन मुहैया करा सकते हैं।ऑस्ट्रेलियाई सरकार भारतीय लोगों को रिझाने के लिए जल्द ही भारत के प्रमुख शहरों में रोड शो का आयोजन करेगी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया तेजी से विकास कर रहा है।

ऑस्ट्रेलिया की 3 प्रतिशत की विकास दर के मुकाबले इस प्रांत की विकास दर 7.5 प्रतिशत है। इस प्रांत में प्राकृतिक संसाधनों की अधिकता है और यहां बडी संख्या में विदेशी निवेश किया गया है। इस कारण आतिथ्य सत्कार और ढांचागत क्षेत्र में तेजी आई है। इस मांग को पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रांत को खनन, निर्माण और इलेक्ट्रिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में इंजीनियरों की जरुरत है। इसके अलावा डॉक्टर, नर्स, अध्यापक और कारपेंटर की मांग है।

First Published : July 13, 2008 | 10:07 PM IST