शुरू होगा पूर्वी और पश्चिमी कॉरिडोर का निर्माण

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:21 PM IST

रेल मंत्री लालू प्रसाद ने अपने बजट भाषण में कहा है कि पूर्वी और पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण का काम वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान शुरू हो जाएगा। पूर्वी फे्रट कॉरिडोर की स्थापना लुधियाना से कोलकाता के निकट दानकोनी तक और पश्चिमी कॉरिडोर की स्थापना दिल्ली से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक की जाएगी।
इस परियोजना के तहत कुल 2,743 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं को कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) पहले ही सैद्धान्तिक मंजूरी दे चुकी है। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 28,030 करोड़ रुपये है और इसके लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इंडिया लि. नाम से एक विशेष उद्देश्यीय कोष (एसपीवी) का गठन किया जा चुका है।
फे्रड कॉरिडोर के लिए 2008-09 के दौरान 1,300 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। यह राशि बीते साल के 1,330 करोड़ रुपये के करीब बराबर ही है। बीते साल इस राशि में से केवल 86 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके थे। लालू प्रसाद से उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, पूर्व-दक्षिण और दक्षिण-दक्षिण डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के संभावना अध्ययन की घोषणा भी की। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तैयार होने के बाद कोयला तथा लौह अयस्क की ढलाई करने वाले और बंदरगाहों को जोड़ने वाले रेलवे के 20,000 किलोमीटर लंबे व्यस्त नेटवर्क पर दबाव काफी कम होने का अनुमान है। इन लाइनों पर इस समय काफी बोझ है और इनका क्षमता से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे के कुल मालभाडे में इस रूट की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि अगले सात वर्षो में रेल नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने के लिए 75,000 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा। मालगड़ियों की ढुलाई क्षमता बढ़ाने के लिए बीसीएल ट्रेनों में 78 प्रतिशत पेलोड बढ़ाने की बात कही गई है। लालू प्रसाद ने कहा कि यह निवेश फ्लाइओवरों, क्रासिंग स्टेशनों, मध्यवर्ती ब्लॉक स्टेशनों, आटोमेटिक सिग्नलिंग कार्यो और यार्डो के पुननर्माण सहित लाइन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
इन परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के सवाल पर लालू प्रसाद ने कहा कि रेलवे परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण 1894 के जमीन अधिग्रहण कानून के तहत की जाती है। यह प्रक्रिया काफी समय लेने वाली है। इसलिए महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए एचएचएआई कानून की तर्ज पर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। संशोधित प्रावधानों के मुताबिक आधिसूचित विशेष रेल परियोजनाएं के लिए रेलवे द्वारा नियुक्त प्राधिकरण जमीन का अधिग्रहण करेगा। फ्रेट कॉरीडोर परियोजना के तहत पूर्वी कॉरीडोर के लिए 5,270 करोड़ हेक्टेयर जमीन की जरुरत है जबकि पश्चिमी कॉरीडोर के लिए 3,563 हेक्टेयर जमीन की जरुरत होगी।

First Published : February 26, 2008 | 9:18 PM IST