facebookmetapixel
Stock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवत

आलू किसानों पर कोल्डस्टोरेज की मार

Last Updated- December 05, 2022 | 5:01 PM IST

गन्ने के बाद अब राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजित सिंह ने आलू किसानों की समस्याओं को उठाया है।


मायावती सरकार पर किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए अजित सिंह ने कहा कि खुदरा और थोक बाजार में आलू के दाम घट रहे हैं लेकिन इसके बावजूद कोल्ड स्टोर मालिकों ने भंडारण की दरों को बढ़ा दिया है।


उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में आलू किसान बेहद बुरे हालात में हैं और उन्हें भंडारण के लिए अधिक कीमत चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ल्ड स्टोर मालिक अधिक शुल्क ले रहे हैं जबकि किसानों को अपनी उपज की वाजिब कीमत नहीं मिल रही है।


इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने जिस तरह से गन्ना किसानों की समस्याओं को लिया उस पर भी रालोद नेता ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह साफ किया है कि राज्य सरकार को गन्ने की कीमत तय करने का पूरी तरह से अधिकार है, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा है।


प्रदेश की मायावती सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अजित सिंह ने कहा कि किसानों के बकाया और गन्ने की कीमतों के मसले को सही ढंग से हल नहीं किया और किसानों को अघर में छोड़ दिया गया है।

First Published - March 25, 2008 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट