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रेल चली कारोबारियों के लिए, बैठे दलाल

Last Updated- December 07, 2022 | 12:01 PM IST

ट्रक के किराये में बढ़ोतरी होने के बाद छोटे व्यापारियों के लिए रेल माल भेजने का एक बेहतर माध्यम बना। लेकिन पार्सल के  तीन-चौथाई हिस्से निजी ब्रोकरों को लीज पर दे दिए गए हैं।


वैसे तो रेल विभाग ने ऐसा व्यापारियों को सुविधा देने के लिए किया है, लेकिन इनमें से कुछ ब्रोकर व्यापारियों और माल लदवाने वाले से ज्यादा पैसे वसूल करते हैं। इससे व्यापारियों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है। हालांकि पार्सल के जरिये माल बुक करने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। इसके लिए पहले टिन (ट्रेन आइडेंटिफिकेशन नंबर) लेना पड़ता है और उसके बाद माल का वजन किया जाता है।

वजन के हिसाब से ही व्यापारियों से राशि वसूल की जाती है। उसके बाद माल लादने वाले व्यापारियों या व्यक्तियों से एक फॉर्म भरवाया जाता है। पुरानी दिल्ली स्टेशन के पार्सल सुपरवाइजर मोहम्मद शहजाद का कहना है कि वे इन व्यापारियों को बार-बार बताते हैं कि माल लादते समय किसी प्रकार की धांधली से बचें। उनका कहना है कि लोग जल्दबाजी में इन दलालों के झांसे में आ जाते हैं और सामान लादने के लिए ज्यादा कीमत अदा करते हैं।

पुरानी दिल्ली स्टेशन के पार्सल रूम में माल बुक करवाते एक व्यापारी इत्तेहाद आलम ने कहा कि कभी-कभी सामानों को अपने शहर काफी जल्दी भेजना होता है। इसलिए माल की बुकिंग अगर सरकारी बाबूओं के जरिये कराई जाए तो इसमें थोड़ा विलंब हो जाता है। इसी देरी से बचने के लिए वे लोग दलालों की ओर रुख करते हैं। हालांकि कुछ निजी दलाल तो काफी प्रोफेशनल होते हैं और माल को सही तरीके से जांच-परख कर उसके लदान की सही कीमत लगाते हैं। लेकिन कुछ दलाल इस जल्दबाजी का फायदा उठाकर व्यापारियों से मनमाना कीमत वसूलते हैं।

First Published - July 18, 2008 | 11:12 PM IST

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