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उप्र के शहरों को बॉन्ड का सहारा

Last Updated- December 07, 2022 | 10:40 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकायों की वित्तीय स्थिति सुधारने की पूरी तैयार कर ली है।


नई योजना के तहत सरकार ने नगर निगमों से कहा है कि वे नव विकसित कॉलोनियों में बुनियादी ढांचा खड़ा करने और पहले से मौजूद कॉलोनियों की बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बाजार में बॉन्ड जारी करें और धन जुटाएं।

इसके लिए राज्य सरकार ने शहरी विकास कोष भी बनाने का फैसला किया है, जिसका संचालन उत्तर प्रदेश शहरी बुनियादी सुविधा विकास और वित्तीय कंपनी करेगी। इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राज्य सरकार तमिलनाडु शहरी विकास बुनियादी सुविधा लिमिटेड की सेवाएं भी लेगी।

इस योजना को कारगर बनाने के लिए राज्य वित्त आयोग, बुनियादी सुविधा कोष और पंजीकरण शुल्क के जरिए विकास कोष को वित्तीय सहायता दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के नगर निकायों से अनुरोध किया था कि वे बाजार में बॉन्ड जारी करें और पूंजी की उगाही करें। इस बाबत केंद्र सरकार ने बाजार में बॉन्ड जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का प्रारंभिक अनुदान भी प्रदान किया था। बहरहाल, अब राज्य सरकार ने नगर निगमों की वित्तीय हालत सुधारने और बॉन्ड जारी करने के लिए तमिलनाडु को अपना आदर्श मानने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु शहरी बुनियादी सुविधा विकास लिमिटेड  ने अपने राज्य में नगर निगमों के बॉन्ड को बाजार में लाने में काफी सहायता की थी। वर्तमान में इस कंपनी ने बॉन्ड के माध्यम से सात नगर निकायों के लिए 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इकठ्ठा की है। उत्तर प्रदेश सरकार नगर निकायों के वित्तीय विकास के लिए तमिलनाडु की कंपनी से परामर्श लेना चाहती हैं और इसके लिए राज्य सरकार उसे फीस के रूप में 12.18 लाख रुपये देगी। स्थानीय निकाय निदेशालयों और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की माने तो बाजार में बॉन्ड को उतारने के लिए मसौदे को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि तैयार मसौदे को स्वीकृति के लिए बहुत जल्द कैबिनेट के पटल पर रखा जाएगा। क्षेत्रीय पर्यावरण और शहरी अध्ययन केंद्र के पूर्व निदेशक एन के राय ने बताया कि नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग ही इसके बॉन्ड को बाजार में लाने में मुख्य बाधा बनी हुई है। उन्होंने बताया, ‘राज्य की अधिकांश नगर निकायों की वित्तीय हालत बहुत दयनीय है और यही वजह है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा यहां के निकायों को अच्छी रेटिंग नहीं मिल पाई है।’ हाल ही में उत्तर प्रदेश के पांच नगर निगमों- आगरा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर को क्रेडिट रेटिंग प्रदान की गई है।

उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण (जेएनयूआरएम) योजना के तहत जिन नगर निगमों को धन मुहैया करवाया जाता है, उसमें से उत्तर प्रदेश का ऐसा कोई निगम नहीं था, जिसे औसत से ऊपर दर्जे पर रखा गया हो जबकि कुछ तो ऐसे भी निगम थे जिसे ऋण चुकता करने जैसी बुरी हालत को देखते हुए उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा गया था। हालांकि, राज्य सरकार के अधिकारियों को उम्मीद है कि नगर निकायों को इस बारे में र्कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद बांड के जरिए पूंजी जुटाने के काम को आसानी से पूरा कर लिया जाएगा।

बदलेंगे शहर

बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए निकाय जारी करेंगे बॉन्ड
आगरा, लखनऊ, वाराणसी और कानपुर को मिली क्रेडिट रेटिंग

First Published - July 10, 2008 | 9:57 PM IST

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