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इक्विटी सेविंग्स फंड किसके लिए सही और चुनें कैसे

ईएसएफ फंड अपने पास मौजूद रकम का 15 से 35 फीसदी शेयरों में लगाता है, जिसे शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर कहते हैं।

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सर्वजीत के सेन   
Last Updated- September 24, 2023 | 10:49 PM IST

कई पारंपरिक निवेशक फिक्स्ड इनकम रिटर्न से थोड़ा ज्यादा कमाना चाहते हैं। इसके लिए कुछ लोग कम रेटिंग वाले बॉन्ड लेते हैं तो कुछ इक्विटी की राह पकड़ते हैं। इक्विटी सेविंग्स फंड (ईएसएफ) में निवेश के लिए इक्विटी और डेट दोनों होते हैं तथा कर भी बच जाता है। ये फंड 19,311 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां संभाल रहे हैं।

कैसे काम करते हैं ये फंड

ईएसएफ फंड अपने पास मौजूद रकम का 15 से 35 फीसदी शेयरों में लगाता है, जिसे शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर कहते हैं। फंड प्रबंधक नकद और वायदा के बीच आर्बिट्रेज कारोबार करता है, जिससे उसके पास मौजूद रकम में से कम से कम 65 फीसदी इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी योजनाओं में पहुंच जाए। बाकी बॉन्ड में लगाई जाती है।

टाटा म्युचुअल फंड में फंड प्रबंधक शैलेश जैन कहते हैं, ‘ईएसएफ द्वारा विभिन्न श्रेणियों में निवेश से शेयर बाजार में कम उतार-चढ़ाव के साथ अधिकतम रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है। इस तरह जोखिम और रिटर्न के बीच अच्छा संतुलन बना रहता है। 6 सितंबर को समाप्त 1 और 3 साल की अवधि के दौरान ईएसएफ ने अपनी श्रेणी में 9.3 प्रतिशत और 10.9 प्रतिशत का औसत रिटर्न दिया है।

स्थिरता में मददगार

चूंकि ये फंड कम जोखिम चाहने वाले निवेशकों को बेचे जाते हैं, इसलिए फंड प्रबंधक इक्विटी का हिस्सा मुख्य तौर पर उन लार्ज कैप शेयरों में लगाते हैं जिनमें उतार-चढ़ाव कम रहता है। वैल्यू रिसर्च के अनुसार 31 जुलाई 2023 तक इन योजनाओं का 80 प्रतिशत से अधिक इक्विटी आवंटन लार्ज कैप शेयरों में था।

साथ ही निश्चित आय आवंटन के लिए ज्यादातर योजनाएं अच्छी गुणवत्ता वाले ऐसे बॉन्ड को प्राथमिकता देती हैं जो कम अवधि के होते हैं। राइट होराइजंस के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अनिल रेगो कहते हैं, ‘इस श्रेणी में ज्यादातर फंड की पोर्टफोलियो क्रेडिट क्वालिटी अच्छी (मुख्य रूप से एएए और समकक्ष) रहती है और ये कम अवधि के होते हैं। इस तरह उनका क्रेडिट जोखिम और ब्याज दर जोखिम दोनों ही कम होते हैं।’

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कर का आकर्षण

इन फंडों में सकल इक्विटी आवंटन (शुद्ध इक्विटी निवेश और आर्बिटेज) कम से कम 65 प्रतिशत रखा जाता है, लिहाजा कर के उद्देश्य से उनको इक्विटी फंड माना जाता है। 1 वर्ष से अधिक रखी गई यूनिट्स पर 10 फीसदी की दर से दीर्घावधि पूंजी लाभ कर लगता है बशर्ते साल में 1 लाख रुपये से अधिक मुनाफा हुआ हो।

लघु अवधि का पूंजी लाभ कर 15 प्रतिशत की दर से लगता है। इसके विपरीत ऋण फंडों पर पूंजी लाभ कर व्यक्ति या निवेशक की अपनी कर श्रेणी के हिसाब से लगता है। इस कारण ऊंची कर श्रेणी के पारंपरिक निवेशकों के लिए ईएसएफ आकर्षक हो गए हैं।

तेजी के बाजार में रिटर्न

निवेशक सोच सकते हैं कि जब शेयर बाजार में तेजी का दौर हो तो इन फंडों में निवेश करना कितनी अक्लमंदी है? विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे फंडों में बढ़ोतरी की गुंजाइश सीमित हो सकती है लेकिन गिरावट में बचाते भी ये ही हैं।

बंधन असेट मैनेजमेंट कंपनी में उत्पाद प्रमुख शीर्षेन्दु बसु कहते हैं, ‘तेजी के बाजार में कम इक्विटी निवेश के कारण बढ़ोतरी सीमित हो सकती है लेकिन इक्विटी पर केंद्रित दूसरे फंडों के विपरीत मंदी के बाजार में इनमें गिरावट भी सीमित ही होती है।’

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कुछ उतार-चढ़ाव संभव

ये फंड शुद्ध इक्विटी फंडों की तरह उतार-चढ़ाव वाले नहीं होते हैं लेकिन ईएसएफ कुछ वर्षों में निश्चित आय रिटर्न से कम लाभ देते हैं। उदाहरण के लिए कैलेंडर वर्ष 2022 में इस श्रेणी ने 4.22 प्रतिशत का औसत रिटर्न दिया। जैन कहते हैं, ‘इक्विटी और डेट से जुड़े जोखिम ईएसएफ के रिटर्न को प्रभावित करेंगे, लेकिन आम तौर पर असर कम ही होता है क्योंकि इन फंडों का विभिन्न योजनाओं के बीच अच्छा निवेश होता है।’

विशेषज्ञों की सिफारिश है कि इन फंडों में निवेश अवधि कम से कम 2 साल रखनी चाहिए। बसु कहते हैं, ‘बढ़िया रिटर्न हासिल करने के लिए आदर्श अवधि 2 से 5 साल के बीच होनी चाहिए।’ रेगो की राय में निवेशक अपने पोर्टफोलियो की 10 से 25 प्रतिशत राशि इस श्रेणी में निवेश कर सकते हैं।

पारंपरिक निवेशकों के लिए

ईएसएफ उन निवेशकों के लिए ज्यादा अनुकूल है जो थोड़ा बहुत जोखिम ही उठाना चाहते हैं। बसु के अनुसार सीमित इक्विटी निवेश के कारण ये फंड जोखिम से दूर रहने वाले निवेशकों के लिए ज्यादा अनुकूल हैं।

जैन कहते हैं, ‘जो शेयरों में किसी तरह का निवेश नहीं चाहते या जिनकी अवधि 1 साल से कम है, उनको इन फंडों से बचना चाहिए।’ इन योजनाओं में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की तरह निश्चित रिटर्न नहीं मिलता है। कम रिटर्न की अवधि के दौरान इनमें निवेश बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

First Published : September 24, 2023 | 10:49 PM IST