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IPO से अप्रत्या​​शित लाभ, निवेशक हुए मालामाल

नए सूचीबद्ध 59 में से 55 शेयर अपने-अपने इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- December 29, 2023 | 9:42 PM IST

कैलेंडर वर्ष 2023 आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के निवेशकों के लिए सूचीबद्धता पर अप्रत्याशित लाभ वाले वर्षों में से एक रहा है। मंगलवार को मोतीसंस ज्वैलर्स का शेयर अपने इश्यू प्राइस से 89 फीसदी प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ।

एक दिन में इतनी भारी बढ़ोतरी मुश्किल है, हालांकि इस साल यह सुपरिचित बन गया। साल 2023 के 59 आईपीओ के लिए सूचीबद्धता पर औसत फायदा 26.3 फीसदी रहा है और आज की तारीख तक इन पर औसत फायदा 49 फीसदी बैठता है। इसके अतिरिक्त 59 में से सिर्फ चार कंपनियों के शेयर अभी अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं।

इनमें उम्दा प्रदर्शन वाले कुछ आईपीओ में भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इश्यू प्राइस से इसमें 219 फीसदी की बढ़ोतरी हुई), सायंट डीएलएम (152 फीसदी), नेटवेब टेक्नोलॉजिज (146 फीसदी) और टाटा टेक्नोलॉजिज (142 फीसदी) शामिल हैं।

नई सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में इस तरह के फायदे की वजह विश्लेषक आह्लादित द्वितीयक बाजार, आईपीओ में खुदरा निवेशकों की उत्साहजनक भागीदारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश बताते हैं।

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इस साल अब तक निफ्टी 20 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 46.6 फीसदी व 55.6 फीसदी का इजाफा हुआ है।

साल 2023 में एफपीआई ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और इसने भी आईपीओ की कामयाबी में योगदान किया।

सूचीबद्धता के बाद नई कंपनियों के प्रदर्शन की माप करने वाला एसऐंडपी बीएसई आईपीओ इंडेक्स इस साल 41 फीसदी उछला है। स्मॉल व मिडकैप सेगमेंट में तेजी का लाभ भी नई सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को मिला है क्योंकि ज्यादातर इसी बास्केट का हिस्सा हैं।

इक्विनॉमिक्स के संस्थापक व शोध प्रमुख जी. चोकालिंगम ने कहा, जब भी स्मॉल व मिडकैप शेयरों में तेजी आती है तो इसका प्रसार आईपीओ बाजार पर होता है। इस साल 2.7 करोड़ नए निवेशक बाजार में उतरे हैं और वे प्राथमिक तौर पर स्मॉल व मिडकैप में निवेश करते हैं। निवेशकों का ऐसा भी वर्ग है जो तभी सक्रिय होते हैं जब आईपीओ बाजार में तेजी होती है।

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हालांकि विश्लेषक अब नई सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को लेकर चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि स्मॉल व मिडकैप में शायद बहुत ज्यादा तेजी आ चुकी है। इसके अतिरिक्त बाजार नकारात्मक खबरों के प्रति नाजुक होते हैं क्योंकि ज्यादातर अनुकूल चीजें पहले ही समाहित की जा चुकी हैं।

चोकालिंगम ने कहा, जब स्मॉल व मिडकैप में गिरावट आएगी तो हम आईपीओ के रिटर्न पर असर और इश्यू टलते देखेंगे। स्मॉल व मिडकैप शेयरों और लार्जकैप के मूल्यांकन के बीच अंतर काफी गहरा है। मौजूदा बाजार में एक अंक वाले पीई स्टॉक खोजना मुश्किल है। पिछली तेजी के बाजार में कुछ हलकों में वैल्यू की खोज संभव थी। अब ​स्मॉल व मिडकैप क्षेत्र के 2-3 फीसदी शेयरों में ही मूल्यांकन को लेकर सहजता है।

First Published : December 29, 2023 | 9:40 PM IST