Trillion club companies: इस साल बाजार में दमदार रिटर्न के साथ ही 2024 में ‘वन ट्रिलियन मार्केट क्लब’ यानी एक लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण (Mcap) वाली कंपनियों की सूची में 23 नए नाम जुड़ गए।
इस साल 1 लाख करोड़ रुपये या इससे अधिक मार्केट कैप (Market Cap) वाली कंपनियों की संख्या बढ़कर 96 हो गई जो 2023 के आखिर में 73 थी।
2024 में ‘वन ट्रिलियन क्लब’ में जगह बनाने वाली कंपनियों में एबीबी, बीपीसीएल, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर्स और हैवेल्स इंडिया मुख्य रूप से शामिल हैं।
पिछले साल ट्रिलियन क्लब में जगह बनाने वाली सभी कंपनियां (एक को छोड़कर) इस साल भी इसमें बने रहने में कामयाब रही हैं। श्री सीमेंट ऐसी फर्म है जो इस साल क्लब से बाहर हो गई है।
अभी श्री सीमेंट 99,288 करोड़ रुपये के मार्केट कैप कैप बैठी है। ट्रिलियन-रुपये एमकैप से जुड़ी कंपनियों में वृद्धि को बाजार की तेजी से भी सहारा मिला है। पिछले दो महीनों में चुनावी अनिश्चितता की वजह से हाल में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद निफ्टी 2024 में 8 प्रतिशत चढ़ा है।
विदेशी फंडों की बिकवाली के बावजूद घरेलू निवेशकों की मजबूत खरीदारी और सुधरते आर्थिक विकास परिदृश्य से बाजार को ताकत मिली है। घरेलू संस्थागत निवेशक अब तक 2.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे हैं।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक चोकालिंगम जी का कहना है, ‘इक्विटी बाजारों ने कभी भी इस तरह घरेलू निवेशकों को आकर्षित नहीं किया और उनकी खरीदारी का सिलसिला अब भी बरकरार है। ज्यादातर नए निवेशक तेजी वाले शेयरों को पसंद करते हैं। इसलिए उन्होंने पीएसयू शेयरों में दिलचस्पी दिखाई।’
बीएचईएल, बीपीसीएल, आईओबी, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पुनः प्रवेश से 1-लाख करोड़ वाले क्लब में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) की हिस्सेदारी मजबूत हुई है। इस साल जनवरी से अब तक बीएसई पीएसयू सूचकांक 37.5 प्रतिशत चढ़ा ह, जबकि सेंसेक्स में 6.8 प्रतिशत तेजी आई है।
चोकालिंगम ने कहा, ‘हरेक तीन से पांच साल में पीएसयू थीम चलता है। इस बार यह ऐतिहासिक रुझान और उम्मीद से काफी आगे चला गया है और पीएसयू श्रेणी में मूल्यांकन जिस तरह से बढ़ा है, वह अप्रत्याशित है। पीएसयू का प्रदर्शन सुधरा है और इसने शनदार लाभांश और पुनर्खरीद के जरिये अपने शेयरधारकों को लाभान्वित किया है।’
लाख करोड़ी क्लब में ज्यादातर कंपनियां सरकार के स्वामित्व वाली हैं। इसके बाद अदाणी और टाटा समूह का स्थान है जिनके समूह की सात-सात कंपनियां इस सूची में हैं। इस क्लब में शामिल कंपनियों का बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के संपूर्ण बाजार पूंजीकरण में 62 प्रतिशत हिस्सा है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘इंडेक्स फंड लोकप्रिय हुए हैं और काफी पूंजी इंडेक्स-आधारित शेयरों में जाती है और संपूर्ण बाजार पूंजीकरण में इन कंपनियों का मूल्यांकन और योगदान लगातार बढ़ रहा है।’
भविष्य में, ट्रिलियन क्लब का और विस्तार होने की संभावना है। बाजार विश्लेषक मान रहे हैं कि बाजार में अभी और तेजी आएगी। जसानी ने कहा, ‘जब तक बाजार अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे, ट्रिलियन क्लब में और भी कंपनियां जुड़ती रहेंगी। पिछले 18 महीनों में बाजारों में कई नकारात्मक खबरों का असर दिखा है और गिरावट की अवधि के बाद उनमें तेजी आ रही है। बड़ी गिरावट का तुरंत जोखिम नहीं है। बाजार में कुछ ठहराव देखा जा सकता है।’