भारतीय फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy अपने आगामी IPO में लगभग $15 बिलियन का वैल्यूएशन टार्गेट बना रही है। इस IPO के जरिए उनकी $1-1.2 बिलियन जुटाने की योजना है। इस मामले से परिचित तीन लोगों ने यह जानकारी दी है। इस डील के साथ, Swiggy इस साल की सबसे बड़ी भारतीय IPO में से एक बन सकती है।
Swiggy भारत के ऑनलाइन रेस्तरां और कैफे फूड डिलीवरी क्षेत्र में ज़ोमैटो के साथ कंपटीशन करती है। दोनों कंपनियों ने नए “क्विक कॉमर्स” बूम पर बड़ा दांव लगाया है, जहां 10 मिनट में किराना और अन्य उत्पादों की डिलीवरी की जा रही है।
Swiggy को अप्रैल में अपने आईपीओ के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिली थी, जिससे वह $1.25 बिलियन तक जुटा सकती है। इसकी गोपनीय फाइलिंग को भारतीय बाजार नियामक से एक महीने के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मंजूरी मिलने के बाद कंपनी सार्वजनिक प्रॉस्पेक्टस दाखिल करेगी।
कंपनी का लक्ष्य लगभग $15 बिलियन का मूल्यांकन है, हालांकि अंतिम आंकड़ा बदल सकता है। Swiggy ने रॉयटर्स के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि वह “किसी भी बाजार अटकलों” पर कॉमेंट नहीं कर सकती। 2022 में इनवेस्को के नेतृत्व में Swiggy की आखिरी फंडिंग में इसका मूल्यांकन $10.7 बिलियन किया गया था। एक सूत्र ने बताया कि Swiggy आईपीओ से मिलने वाली रकम का उपयोग अपने क्विक कॉमर्स इंस्टामार्ट बिजनेस के विस्तार और ज़ोमैटो के साथ बेहतर कंपटीशन के लिए और अधिक गोदाम खोलने के लिए करना चाहती है।
ज़ोमैटो के शेयर 2021 में लिस्टिंग के बाद से दोगुने से अधिक हो चुके हैं और इसका बाजार वैल्यूएशन लगभग $28 बिलियन है। गोल्डमैन सैक्स ने अप्रैल में बताया था कि क्विक डिलीवरी का भारत के $11 बिलियन के ऑनलाइन ग्रोसरी बाजार में $5 बिलियन, या 45%, का हिस्सा है और इस सेगमेंट के 2030 तक बाजार का 70% हिस्सा हासिल करने की उम्मीद है।
रॉयटर्स ने जून में रिपोर्ट किया था कि Swiggy तेजी से अपने इंस्टामार्ट बिजनेस पर फोकस कर रही है। Swiggy का फूड डिलीवरी बिजनेस प्रॉफिट में है, लेकिन ग्रोसरी डिलीवरी इंस्टामार्ट बिजनेस अभी भी घाटे में है। कंपनी के पास 35 भारतीय शहरों में लगभग 550 ग्रोसरी गोदाम हैं। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)