बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा को निर्देश दिया कि रकम की कथित हेराफेरी के मामले में वह बाजार नियामक सेबी की तरफ से मांगी गई सूचनाएं और दस्तावेज मुहैया कराएं।
27 मार्च को जारी सेबी के समन पर जवाब देने के लिए चंद्रा को 4 हफ्ते का समय दिया गया है। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि चंद्रा 12 जनवरी के बाजार नियामक के पिछले समन का जवाब नहीं दे सकते हैं।
वकील ने कहा कि जनवरी में भेजे गए समन का जवाब देते हुए ज़ी पहले ही नियामक के पास सूचना जमा करा चुकी है। चंद्रा ने सेबी के समन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
ज़ी के पूर्व चेयरमैन की एक अलग अपील पर प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) में 29 जुलाई को सुनवाई होनी है। चंद्रा के वकील ने यह कहते हुए सेबी के समन को चुनौती दी थी कि दस्तावेज मुहैया कराने के लिए जारी समन में नियामक ने टिप्पणी मांगी थी जो कारण बताओ नोटिस के जरिये दी जा सकती है।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि सेबी के समन के जवाब में कोई टिप्पणी नहीं देनी है। लेकिन उसने नियामक को निर्देश देने वाली उस अपील को खारिज कर दिया कि अगर ज़ी से और सूचना की दरकार है तो वह नया समन जारी करे। पीठ ने कहा कि अगर और दस्तावेज या सूचना की दरकार है तो वह ज़ी को नया संचार भेज सकता है या समन जारी कर सकता है।