facebookmetapixel
नवंबर में भारत से आईफोन का निर्यात 2 अरब डॉलर तक पहुंचा, बना नया रिकार्डएवेरा कैब्स ने 4,000 ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक कारें अपने बेड़े में शामिल करने की बनाई योजनाGST बढ़ने के बावजूद भारत में 350 CC से अधिक की प्रीमियम मोटरसाइकल की बढ़ी बिक्रीJPMorgan 30,000 कर्मचारियों के लिए भारत में बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटरIPL Auction 2026: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदानिजी खदानों से कोयला बिक्री पर 50% सीमा हटाने का प्रस्ताव, पुराने स्टॉक को मिलेगा खुला बाजारदूरदराज के हर क्षेत्र को सैटकॉम से जोड़ने का लक्ष्य, वंचित इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा: सिंधियारिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले 91 के पार फिसली भारतीय मुद्रा, निवेशक सतर्कअमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसा

कमजोर प्रतिफल के बीच इ​क्विटी फंडों में फ्लो दमदार

कुल इ​क्विटी AUM में SIP का योगदान अब 34 फीसदी है जो वित्त वर्ष 2019 के अंत में 25 फीसदी था

Last Updated- April 18, 2023 | 6:57 PM IST
Equirus Wealth's AUM crosses Rs 10,000 crore इक्विरस वेल्थ का AUM 10,000 करोड़ रुपये के पार
BS

पिछले दशक में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि इ​क्विटी म्युचुअल फंडों (MF) में निवेश फ्लो इ​क्विटी बाजार के पिछले प्रदर्शन से इस मायने में काफी अलग रहा है कि निवेशकों ने सुस्त प्रतिफल के बावजूद निवेश बरकरार रखा है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज (KIE) द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि कई योजनाओं के लिए कमजोर एक वर्षीय प्रतिफल के बावजूद नवंबर 2022 से इ​क्विटी फंडों में निवेश प्रवाह मजबूत बना हुआ है। अध्ययन से पता चला है कि जनवरी 2021 के बाद से इ​क्विटी बाजार में कमजोर प्रदर्शन के पिछले हरेक दौर में 6 महीने की अव​धि के बाद पूंजी प्रवाह घट गया था।

पिछले रुझान से अलग, इस बार SIP के जरिये किए जाने वाले मजबूत प्रवाह, ऊंचे एकमुश्त निवेश और कम बिकवाली से मदद मिली। खासकर इ​क्विटी योजनाओं से जुड़ा SIP फ्लो अक्टूबर 2022 से 13,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।

KIE की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली बार जब इ​क्विटी बाजार ने जुलाई 2018 से जुलाई 2020 की अव​धि में कमजोर प्रदर्शन किया था, इ​क्विटी MF में 6 महीने की कमजोरी के बाद तेजी दर्ज की गई थी। हरेक तेजी के बाद इ​क्विटी प्रवाह में तेजी आती रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले दशक के आंकड़े से 6 महीने बाद के एक वर्षीय प्रतिफल और म्युचुअल फंड के शुद्ध इ​क्विटी प्रवाह के बीच अंतर का पता चलता है। हालांकि हमने पिछले कुछ महीनों में विपरीत हालात दर्ज किए हैं, क्योंकि बाजार प्रतिफल एक अंक में ठहरा रहा, जबकि शुद्ध पूंजी प्रवाह नवंबर 2022 के करीब शून्य से तेजी से बढ़कर मार्च 2023 में 20,000 करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया।’

हालांकि इसका अंदाजा लगाना कठिन है कि क्या यह अंतर अस्थायी है या स्थायी, लेकिन यदि बाजार से SIP फ्लो (जैसा कि 2021 के शुरू से देखा गया) को अलग रखकर आकलन किया जाए तो इ​क्विटी बाजार प्रदर्शन और MF फ्लो के बीच संबंध कमजोर माना जा सकता है।

यह भी पढ़ें : भारत में साल 2022 के दौरान रिकॉर्ड डिजिटल पेमेंट, यह शहर रहा सबसे आगे

SIP विकल्प के लिए खुदरा निवेशकों की बढ़ती पसंद से कुल प्रबंधन अधीन परिसंप​त्तियों (AUM) में SIP की भागीदारी को बढ़ावा मिला है। आंकड़े से पता चलता है कि कुल इ​क्विटी AUM में SIP का योगदान अब 34 फीसदी है जो वित्त वर्ष 2019 के अंत में 25 फीसदी था।

मजबूत SIP प्रवाह के अलावा, निवेशक धारणा में एक सामान्य बदलाव इ​क्विटी में निवेश करने के रुझान से जुड़ा हुआ है। नवंबर 2022 में ICICI डायरेक्ट ने कहा था कि निवेशक पिछले कुछ वर्षों में बाजार में अवसर तलाशने की को​​शिश कर रहे थे और ज्यादा उतार-चढ़ाव के समय में भी निवेश करने को तैयार थे।

अध्ययन के अनुसार, पिछले चार-पांच साल में कम से कम तीन ऐसे उदाहरण देखने को मिले जब निवेशकों ने उस हालात में म्युचुअल फंडों में अपना इ​क्विटी निवेश बढ़ाया, जब बाजार गिर रहा था। इसी तरह, बाजार में तेजी के बाद वे अपना निवेश भुनाते दिखे।

First Published - April 18, 2023 | 6:57 PM IST

संबंधित पोस्ट