सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) अपने पहले ही साल में निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रहे। सिल्वर ETF में नवंबर के अंत तक प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) करीब 1500 करोड़ रुपये रहीं। निवेश सलाहकारों के मुताबिक ऐसी योजनाओं का परिसंपत्ति आवंटन में खासा स्थान रहता है और एक बार रिटर्न का चार्ट बेहतर आने पर इनमें निवेश और बढ़ेगा।
जनवरी-फरवरी 2021 में सिल्वर ETF की सबसे पहले शुरुआत करने वालों में म्युचुअल फंड आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, आदित्य बिड़ला सन लाइफ और निप्पॉन इंडिया शामिल हैं।
अब कुल सात म्युचुअल फंड सिल्वर ईटीएफ की पेशकश कर रहे हैं। इनमें नए फंड ऐक्सिस एमएफ, एचडीएफसी एमएफ, कोटक महिंद्रा एएमसी और डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर मुख्य रूप से शामिल हैं। सिल्वर ईटीएफ में नवंबर तक पोर्टफोलियो (निवेश खातों) की कुल संख्या 69,000 हो गई है या गोल्ड ईटीएफ के कुल पोर्टफोलियो के करीब 1.5 फीसदी के बराबर हो गई है।
टीबीएनजी कैपिटल एडवाइजर के संस्थापक तरुण बिरानी के मुताबिक, ‘म्युचुअल फंड की पेशकशों की सूची में सिल्वर ईटीएफ का शामिल होना रोचक है। लेकिन मैं अपने ग्राहकों को इसकी सिफारिश नहीं कर रहा हूं। इसका कारण यह है कि ये नए हैं और साथ ही अन्य बेहतर विकल्प मौजूद हैं।’
लखनऊ स्थित निवेश सलाहकार देव आशीष का मानना है, ‘आमतौर पर निवेशक पुराने प्रतिफल को ध्यान में रख कर निवेश करते हैं। एक बार असाधारण प्रतिफल देने पर सिल्वर ईटीएफ निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे। मैं किसी को इन ईटीएफ की सलाह नहीं दे रहा हूं। मैं जिंसों को कम आवंटन को प्राथमिकता देता हूं। सोना पहली पसंद है।’
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के प्रमुख (प्रोडक्ट डेवलपमेंट ऐंड स्ट्रैटजी) चिंतन हरिया ने कहा, ‘2022 अस्थिर वर्ष रहने के बावजूद निवेशकों ने चांदी में निवेश बढ़ाया, जो एक उत्साहजनक रुझान है। इससे पता चलता है कि भारतीय निवेशक परिपक्व हुए हैं और वे अपनी कुल परिसंपत्ति आवंटन जरूरतों के एक हिस्से के तौर पर पोर्टफोलियो में जिंसों को शामिल कर रहे हैं। ’
ब्रोकरों ने 2023 में चांदी को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है, क्योंकि वे वैश्विक हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिए जाने और बढ़ रही और औद्योगिक मांग बढ़ने के बीच धातुओं के लिए अच्छी मांग देख रहे हैं। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘चांदी की कीमतें बढ़ने की संभावना है, सोना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, क्योंकि चांदी का बाजार लगातार दूसरे साल कमजोर रहने का अनुमान है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता, 5जी प्रौद्योगिकी और पर्यावरण अनुकूल ढांचे के लिए प्रतिबद्धता के बीच औद्योगिक क्षेत्र में मांग बढ़ने की संभावना है।’
कोटक सिक्योरिटीज का कहना है, ‘वैश्विक चांदी बाजार इस साल लगातार दूसरे वर्ष कमजोर रहने का अनुमान है। भविष्य में चीन की अर्थव्यवस्था पुन: पटरी पर लौटने, फेड के रुख और वैश्विक वृद्धि चांदी की कीमतों के लिए मुख्य कारक होंगे।’ मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज का अलग नजरिया है। ब्रोकरेज को वर्ष 2023 में चांदी की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है।