Stock Market News: भारतीय VIX घरेलू बाजारों में भारी हलचल के संकेत दे रहा है, क्योंकि अमेरिका में कमजोर आर्थिक स्थिति की आशंका ने दुनियाभर में निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। VIX इंडेक्स, जो शेयर बाजार में अपेक्षित अस्थिरता का संकेत देता है, सोमवार को 50 प्रतिशत तक बढ़ गया। यह नौ वर्षों में इसकी सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़ोतरी थी। बता दें कि VIX इंडेक्स को आमतौर पर “भय मापक” कहा जाता है, जो शेयर बाजार में आने वाली गिरावट का अनुमान लगाता है।
अंत में इंडेक्स 42.33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20.37 पर बंद हुआ, जो 4 जून, 2024 के बाद का सबसे उच्च स्तर है। सोमवार का उछाल VIX में 24 अगस्त, 2015 के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी वृद्धि है।
निफ्टी 50 इंडेक्स 662 अंक या 2.68 प्रतिशत गिरकर 24,056 पर बंद हुआ। टेक्निकल एनालिस्ट्स का कहना है कि इंडेक्स ने प्रमुख सपोर्ट जोन को तोड़ दिया है और यह बेहद नाजुक स्थिति में है।
कोटक सिक्योरिटीज के हेड इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘लंबे समय के बाद निफ्टी और सेंसेक्स 20-दिन के सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) के नीचे बंद हुए हैं, जो काफी नकारात्मक है। डेली चार्ट पर यह लंबे मंदी वाले कैंडल्स बना रहा है, जो मौजूदा स्तरों से और कमजोरी की ओर इशारा करता है। हम मानते हैं कि वर्तमान बाजार की संरचना कमजोर और अस्थिर है, लेकिन अस्थायी अधिक बिक्री की स्थितियों (temporary oversold conditions) के कारण, हम एक इंट्राडे में फिर से तेजी की उम्मीद कर सकते हैं।’
आज, इंट्राडे ट्रेड में निफ्टी 23,894 तक गिर गया था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिटेल रिसर्च दीपक जसानी ने कहा, ‘सोमवार के इंट्राडे निचले स्तर का टूटना निफ्टी को 23,667 तक ले जा सकता है। ऊपर की ओर, 24,413 रेजिस्टेंस लेवल हो सकता है। निफ्टी को फिर से स्थिर होने के लिए ग्लोबल सेंटिमेंट को स्थिर होने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि व्यापारी छोटे लाभ के लिए थोड़ी खरीदारी शुरू कर सकते हैं जबकि निवेशक ‘कुछ स्थिरता का इंतजार करें और बाउंस पर आंशिक बिक्री (partly sale) का विचार कर सकते हैं।”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड – रिटेल रिसर्च सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के चलते बाजार आने वाले सत्रों में अस्थिर (volatile) रह सकता है।
उन्होंने कहा, ‘आगे हम RBI नीति और कई वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर अस्थिरता की अपेक्षा करते हैं, जिसमें येन कैरी ट्रेडों की समाप्ति, अमेरिका में मंदी की आशंका और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ना शामिल है। अमेरिकी मंदी एक बड़ी चिंता है और जल्द ही या बाद में US फेड ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे मौजूदा माहौल में राहत मिलनी चाहिए।’
लॉन्ग चर्म के नजरिये से, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है और निवेशक करेक्शन के दौर में नकदी का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।
डीएसपी म्यूचुअल फंड के हेड – इक्विटीज विनीट साम्ब्रे ने कहा, “ऐतिहासिक रूप से, अस्थिरता की अवधियों ने निवेशकों को अपने एसेट अलोकेश न को फिर से स्थापित करने के अवसर प्रदान किए हैं। अगर वैल्यूएशन ज्यादा रीजनेबल हो जाती हैं, तो इस मौजूदा बाजार अस्थिरता के दौर का उपयोग रणनीतिक रूप से शेयरों में धीरे-धीरे 5-7 साल के नजरिये के साथ एक्सपोजर बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। वर्तमान अनिश्चितताओं के बावजूद, लॉन्द टर्म ऑउटलुक मजबूत फंडामेंटल, सरकारी पहल और स्थिर बैंकिंग क्षेत्र के कारण कंस्ट्रक्टिव बना हुआ है।’