व्यापक बाजारों में खरीदारी के माहौल के बीच इक्विटी नकदी बाजार में रोजाना औसत कारोबार (average daily turnover) अगस्त में 22 महीने के उच्चस्तर को छू गया, वहीं वायदा एवं विकल्प में इसका नई ऊंचाई पर पहुंचना जारी रहा।
नकदी में रोजाना औसत कारोबार NSE व BSE में कुल मिलाकर 83,446 करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर 2021 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। उधर, वायदा एवं विकल्प में रोजाना औसत कारोबार 314 लाख करोड़ रुपये रहा।
BSE ने बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी दर्ज की, नकदी व डेरिवेटिव दोनों कारोबारों में। इसके साथ ही दोबारा पेश हुआ उसका सेंसेक्स व बैंकेक्स डेरिवेटिव की ट्रेडरों के बीच स्वीकार्यता में इजाफा हुआ।
पिछले महीने हालांकि बेंचमार्क सूचकांकों में 2.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, लेकिन बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा।
अगस्त में BSE पर 2,126 शेयर चढ़े जबकि 1,955 में गिरावट आई, जो चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 1.1 फीसदी बताता है। साथ ही स्मॉल व मिडकैप सूचकांकों ने लगातार पांचवें महीने मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की। ट्रेडिंग वॉल्यूम को प्रवर्तकों व प्राइवेट इक्विटी फर्मों की तरफ से बड़ी शेयर बिक्री यानी 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री से मजबूती मिली।
ट्रेडिंग गतिविधियों को तब मजबूती मिलती है जब बाजार की अंतर्निहित स्थिति मजबूत होती है।
व्यापक बाजारों के उम्दा प्रदर्शन के बीच देसी बाजार में चढ़े व गिरने वाले शेयरों का अनुपात एक से ऊपर बना हुआ है। बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि अगस्त में सूचकांकों में हालांकि गिरावट आई, लेकिन सेंटिमेंट सकारात्मक बना रहा, जिससे ट्रेडरों के बीच जोखिम उठाने की स्वाभाविक इच्छा नजर आई।
5पैसा के पूर्णकालिक निदेशक और चीफ बिजनेस अफसर प्रकाश गगडानी ने कहा, कापी मिडकैप शेयर हैं, जिन्होंने अपने-अपने सर्वोच्च स्तर को छुआ है और उसका वॉल्यूम बड़ा रहा है। नकदी बाजार के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की एक वजह यह भी है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, हर हफ्ते बाजार में लाखों नए निवेशक आ रहे हैं। उन्होंने कहा, मिड व स्मॉलकैप ने सूचकांकों के मुकाबले तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की है और ऐसा उम्दा प्रदर्शन शायद ही देखने को मिलता है। जब स्मॉलकैप ने सेंसेक्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया तो खुदरा भागीदारों ने नकदी कारोबार में बढ़ोतरी की। इसके अतिरिक्त डेरिवेटिव बाजार में खुदरा भागीदारी हाल में बढ़ी है।
बीएसई के सेंसेक्स व बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंध दोबारा लॉन्च होने से भी एफऐंडओ सेगमेंट में कारोबार के विस्तार में मदद मिली है।
बीएसई का रोजाना औसत कारोबार डेरिवेटिव में अगस्त में 2.4 गुना उछलकर 10.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो जुलाई में 4.3 लाख करोड़ रुपये रहा था। इससे उसकी बाजार हिस्सेदारी 1.4 फीसदी से बढ़कर 3.4 फीसदी हो गई।
नकदी बाजार में उसकी बाजार हिस्सेदारी 6 फीसदी से बढ़कर 8.24 फीसदी हो गई, जो एक साल में सबसे ज्यादा है। नकदी में उसका रोजाना औसत कारोबार 6,878 करोड़ रुपये रहा, जो करीब 30 महीने का सर्वोच्च स्तर है।
बीएसई ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लॉट साइज घटाया हैऔर एक्सपायरी चक्र को शुक्रवार कर दिया है। सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने से उत्साहित बीएसई ने अब बैंकेक्स अनुबंधो की एक्सपायरी सोमवार को करने का फैसला लिया है।
अब डेरिवेटिव अनुबंध सप्ताह में पांचों दिन एक्सपायर होंगे। बीएसई का बैंकेक्स सोमवार को (अक्टूबर से प्रभावी), एनएसई निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज एफऐंडओ मंगलवार को एक्सपायर होता है, वहीं बैंक निफ्टी बुधवार को, निफ्टी गुरुवार को और सेंसेक्स शुक्रवार को एक्सपायर होता है।
एक्सचेंजों को उम्मीद है कि डेरिवेटिव एक्सपायरी को पूरे हफ्ते में फैलाने से ट्रेडिंग गतिविधियों में मजबूती आएगी।