अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में तेजी और पश्चिम एशिया में विवाद गहराने के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीओ) ने आज जमकर बिकवाली की, जिससे भारतीय शेयर सूचकांकों में आज लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 523 अंक नुकसान के साथ 64,049 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 160 अंक गिरकर 19,122 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों में फरवरी 2023 के बाद पहली बार लगातार इतने सत्रों में गिरावट आई है। बीते पांच सत्र में सेंसेक्स 3.6 फीसदी और निफ्टी 3.5 फीसदी नीचे आया है। इस दौरान बाजार पूंजीकरण में करीब 14.6 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है।
एक्सचेंजों के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने 4,237 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अक्टूबर में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 11,304 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है।
10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 4 आधार अंक बढ़कर 4.86 फीसदी पर थी। अमेरिका में ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बने रहने की आशंका से बॉन्ड यील्ड बढ़ रही है। यील्ड लंबे अरसे तक लगातार बढ़ती रहे तो इसे मंदी की आहट माना जाता है। इसी घबराहट में निवेशक शेयरों से अपना निवेश निकाल रहे हैं। पश्चिम एशिया में हमास-इजरायल युद्ध भी निवेशकों को परेशान कर रहा है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा कि इजरायली हमले में 6,546 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा कि ईरान युद्ध में शामिल हुआ और तेल के दाम चढ़े तो बाजार में जोखिम और बढ़ सकता है। अमेरिका और यूरोप की बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक कंपनियों की कमाई पर ऊंची ब्याज दरों और मुद्रास्फीति का प्रभाव आंकने की कोशिश कर रहे हैं।
हॉलैंड ने कहा, ‘डेरिवेटिव्स सौदों के निपटान के लिए निवेशक अपना जोखिम कुछ कम कर रहे हैं। देसी बाजार में कंपनियों के परिणाम अनुकूल हैं, लेकिन उम्मीदें काफी ज्यादा हैं। निवेशकों में जोश जगाने वाला कोई कारक भी अभी नहीं दिख रहा है।’ यूरोपीय केंद्रीय बैंक का ब्याज दर पर निर्णय और कंपनियों की आय एवं भारत सहित प्रमुख देशों के वृहद आर्थिक आंकड़े आगे बाजार की चाल तय करेंगे।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,551 शेयर नुकसान में और 1,140 शेयर बढ़त पर बंद हुए। सेंसेक्स में 6 शेयरों को छोड़कर सभी गिरावट पर बंद हुए। इन्फोसिस 2.76 फीसदी नुकसान पर बंद हुआ और सेंसेक्स की गिरावट में इसका बड़ा हाथ रहा। बीएसई धातु सूचकांक को छोड़कर सभी क्षेत्रीय सूचकांक गिरावट में रहे। सेंसेक्स कंपनियों में टाटा स्टील सबसे ज्यादा 1.1 फीसदी बढ़त में रही।
चीन द्वारा बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्ज की योजना का खुलासा किए जाने से धातु शेयरों में तेजी आई। मिड और स्मॉलकैप में मुनाफावसूली बनी हुई है, जिससे निफ्टी मिडकैप 0.6 फीसदी और स्मॉलकैप 0.2 फीसदी गिरकर बंद हुए।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘ऊंची ब्याज दर के कारण आगे वृद्धि की रफ्तार धीमी होने की आशंका है, जिससे निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। मगर लॉर्ज कैप शेयरों पर उनकी सकारात्मक रणनीतिक साफ नजर आ रही है क्योंकि उनकी आय वृद्धि मजबूत बनी हुई है।’